गौरतलब है कि रेलवे के वर्कशॉप्स स्टेशनों पर बड़े पैमाने पर लोग काम कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हैंड फ्री सेनीटाइजर और लिक्विड की जरूरत थी। सेंट्रल रेलवे ने अपने सभी वर्कशॉपों को कहा कि ऐसा कोई डिवाइस बनाओ जिससे बिना टच किए हाथ को सेनेटाइज किया जा सकें।
इसके बाद मिरज वर्कशॉप में काम करने वाले नवीन हेब्बाली सामने आए। उन्होंने पांच से छह दिन-रात इंटरनेट और यूटूूब पर इस तरह के प्रयोगों के बारे में रिसर्च किया। इसके बाद उन्होंने मात्र एक हजार रूपए के खर्च में हैंड सेनिटाइजर बना दिया।
पूरी तैयारी करने के बाद उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अपना प्रयोग दिखाया। नवीन बताते हैं कि प्रयोग शुरू करने से पहले ही मेरे अधिकारियों ने हम सभी को इस काम के लिए मोटिवेट किया था। मुझे लगा कि मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतर सकूं। इसके बाद मैंनें काफी रिसर्च किया।
पांच से छह दिन लगातार रिसर्च के बाद मुझे किफायती सेंसर बनाने का रास्ता मिल गया। मैंने बाजार से जरूरी सामना लाया और सात घंटों में इसे तैयार कर दिया। इसके लिए सिर्फ पांच बोल्ट की डीसी इनपुट चाहिए। इसे मोबाइल चार्जर और पांच बोल्ट की बैट्री से चलाया जा सकता है। इसे डीसी बिजली और बैट्री दोनों से चलाया जा सकता है।
सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने कहा कि जब आप इसके सामने हाथ लाएंगे, तब लगभग 10 एमएल आपके हाथ में लिक्विड शोप या सेनीटाइजर (जो भी फील किया होगा) आ जाएगा।
इसे जरूरत के हिसाब से सेट किया जा सकता है। इसके अलावा इससे सेनिटाइजर वेस्ट भी नहीं होगा। यह महत्वपूर्ण प्रयोग है, हम इसे सभी वर्कशॉप्स और रेलवे स्टेशनों के विविध स्थानों पर रेल कर्मचारियों के लिए लगाने की तैयारी कर रहे हैं।