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मुंबई

गांवों में जरूरतमंदों की सेवा कर बांटते हैं खुशियां

समझी समाज की पीड़ा: एक सोच ने बदल दी सैकड़ों के जीवन की दिशा

मुंबईMay 10, 2019 / 05:59 pm

Devkumar Singodiya

जरूरतमंदों की सेवा कर बांटते हैं खुशियां

जरूरतमंदों की सेवा कर बांटते हैं खुशियां

उल्हासनगर. मुंबई की लाइफलाइन लोकल ट्रेनों में रोज लाखों यात्री अपने-अपने रोजगार के लिए यात्रा करते हैं। ट्रेन यात्रा के दौरान ही वे अपनी टीम बनाकर एक दूसरे से अपने सुख-दु:ख बांटते हैं। भजन गीत गाकर अपना समय व्यतीत करते हैं। यहां तक कि पर्व त्योहार भी ट्रेन में मनाते हैं।
एक बार दिवाली पर राजस्थानी समाज के युवाओं ने अपने अन्य साथियों के साथ ट्रेन में प्रीतिभोज का कार्यक्रम करने की योजना बनाई। तब उस टीम के अग्रणी सदस्य रमाकांत अग्रवाल ने सुझाव दिया कि हजारों रुपए खानपान पर खर्च कर दिवाली तो हर साल ट्रेन में मनाते हैं, इस बार क्यों न गरीब और जरूरतमंदों के साथ गांवों में चलकर उनके साथ खुशियां बांटे। यह सुझाव सबको पसंद आया। बस यही से शुरू हुआ यह सिलसिला जो नई कहानी लिख बैठा।
दिवाली के दिन इस ट्रेन मण्डली के सदस्य वाशिंद स्टेशन के पास एक गांव गए और आदिवासी परिवारों को मिठाई, वस्त्र और अन्य खाद्यपदार्थ वितरित किए। यह सब पाकर वहां गांव के बच्चे खुशी से झूम उठे। बच्चों की इसी खुशी ने युवाओं की इस टीम का मनोबल बढ़ाया और इन्होनें हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन नामक संस्था बनाई। इसके माध्यम से अब तक हजारों गरीब परिवारों की मदद की जा चुकी है। हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन एक पंजीकृत संस्था है जिसकी तरफ से अन्नदान, वस्त्र दान, स्वस्थ्य और शैक्षणिक सेवाएं प्रदान की जाती हैं। सर्दी के मौसम में संस्था के सदस्य सैकड़ों लोग जो रात भर ठंड में ठिठुरते रहते हैं, उन्हें कंबल ओढ़ाने जाते हैं। हर माह अलग-अलग गांव जाकर आदिवासी बच्चों को चॉकलेट, खिलौने, मिठाइयां और वस्त्र बांटते हैं। अनाथ आश्रम जाकर वहां लोगों को आवश्यक सामग्री वितरित करते हैं। गांवों में मेडिकल शिविरों का आयोजन करते हैं, जिन्हें डॉक्टरी सुविधा नहीं मिल पाती उन गरीबों के लिए स्वस्थ्य जांच शिविर आयोजित करते हैं।

हर साल तीन बच्चों को लेते हैं गोद
संस्था हर साल तीन बच्चों को गोद लेकर उनके शिक्षण का खर्च खुद वहन करती है। सूखा अथवा बाढग़्रस्त क्षेत्रों में जाकर कपड़े, जूते, मोजा, छाते और खाद्य सामग्री दे आते हैं। साथ ही आमिर खान की पाणी संस्था के साथ गांवों में रेन हार्वेस्टिंग और बारिश के पानी को जमा करने की पद्दति के तहत गड्ढे खोदकर दीवार बनाने के लिए श्रमदान करते हैं।
संस्था के प्रमुख लोगों में राजस्थानी समाज के रमाकांत अग्रवाल, संदीप मस्कारा, प्रीति अग्रवाल, राजू विद्याधर सैनी, संदीप शाह शामिल हैं। अन्य प्रमुख सेवाभावी सदस्यों में प्रभाकर पाटिल, स्वप्निल सनाफ स्वप्निल मांडलिक, नरेश शेलार और आनंद जैसवार शामिल हैं। इस बार हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन ने नया लक्ष्य बनाया है गांव-गांव जाकर पानी की टंकी लगाना ताकि गर्मी की तपिश में कोई भी प्यासा न रहे। यह कार्य भी जल्द ही पूरा होने वाला है। संस्था ने अब तक हजारों परिवारों को अपनी सेवाएं देकर उनके जीवन में खुशहाली लाने का प्रयास किया है और सेवाओं का स्तर अब बड़े पैमाने पर होने लगा है।

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