राष्ट्रगान के दौरान आसपास के छोटे-बड़े वाहन भी रुक जाते हैं और चालक इसका हिस्सा बन जाते हैं। जब राष्ट्रगान समाप्त होता है, तो सभी ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाते हैं और फिर अपने दिन की शुरुआत करते है। ये लोग देश के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। दुकानदार अपनी दुकानें खोलते हैं और बाजार शुरू हो जाते हैं।
बता दें कि कुछ महीने पहले तालुका मुख्यालय में मुलचेरा पुलिस स्टेशन में शामिल हुए थानेदार अशोक भापकर ने 15 अगस्त से यह गतिविधि शुरू की थी। 15 अगस्त से पहले ही उन्होंने बिना किसी झिझक के व्यापारी वर्ग, युवा पीढ़ी और पत्रकारों से इस पर चर्चा कर इसे शुरू करने का फैसला किया था। इस निर्णय का सभी ने स्वागत किया। जिससे हर सुबह राष्ट्रगान गाने से लोगों में देशभक्ति बढ़ेगी और समाज में सद्भाव भी पैदा होगा।
मुलचेरा गांव इस साल 15 अगस्त से स्कूल या हाई स्कूल की दिनचर्या के मुताबिक इस गतिविधि को निर्बाध रूप से जारी रखे हुए है। इस पहल के शुरू होने के बाद से गांव में कलह में कमी आई है और सद्भाव में वृद्धि हुई है। साथ ही गांव के लोगों की काम करने की क्षमता और उत्साह में भी काफी बदलाव आया है। मूलचेरा गांव गढ़चिरौली जिले की अहेरी विधानसभा में शामिल है और संभवत: महाराष्ट्र का एकमात्र गांव है जहां राष्ट्रगान के साथ दिन की शुरुआत होती है। इससे मुलचेरा गांव की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है।
राष्ट्रगान के साथ दिन की शुरुआत करने का विचार व्यापारियों के न्याय अधिकारों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में योगदान देने के इरादे से प्रस्तावित किया गया था। ये पहल इसी साल 15 अगस्त से शुरू की गई है क्योंकि सभी ने एकमत से सहमति दी है। इस पहल को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है और व्यवसायी और अन्य यात्री तालुका मुख्यालय के मुख्य चौराहे पर 52 सेकंड तक खड़े रहते हैं। थाने के सामने लाउडस्पीकर लगाए गए हैं और सभी व्यवसायी प्रतिदिन 8 बजकर 45 मिनट पर राष्ट्रगान बजने के बाद ही अपनी दुकानें खोलते हैं।