जिला सिविल अस्पताल के सर्जन डॉ. सुरेश जगदाले ने बताया कि 10 अप्रेल को पहले बच्चे में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। अकेले मालेगांव में 43 बच्चे संक्रमित हुए, जिनमें 26 लड़के और 17 लड़कियां शामिल हैं। येवला और नासिकमें 4-4 तो सिन्नर, चांदवड, निफाड में 1-1 बच्चे को कोरोना हुआ था। उन्होंने बताया कि 56 बच्चे घर लौट चुके हैं। बाकी 31 का उपचार चल रहा है। मालेगांव स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डॉ. निखिल सैंदाणे ने कहा कि हम संक्रमित बच्चों के उपचार में हर संभव एहतियात बरत रहे हैं। जिलाधिकारी और जिला सर्जन के मार्गदर्शन में हम काम कर रहे हैं।
बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. स्नेहल मटाले के अनुसार बच्चों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है। उनके खान-पान पर ध्यान दिया जाए तो कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। बच्चों में बुखार होना सामान्य बात है। प्रतिरक्षा प्रणाली का अति सक्रिय होना भी ठीक नहीं है। इससे शरीर के अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंच सकता है।