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maha:5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था के लिए बैंको को अधिक उत्तरदायी बनना होगा

अगले 10 वर्षों में 10 करोड़ युवा काम के लिए होंगे तैयार,
नगदी का हो कम से कम उपयोग
आर्थिक विकास के लिए छोटे उद्योग ,फार्म सेक्टर , मुद्रा कर्ज ,शिक्षा कर्ज ,
महिला सशक्तिकरण के लिए कर्ज आदि पर भी बल

मुंबईAug 20, 2019 / 08:00 pm

Ramdinesh Yadav

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maha:5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था के लिए बैंको को अधिक उत्तरदायी बनना होगा

मुंबई। भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना को पूरा करने में देश के बैंकों की अहम् भूमिका होगी। अर्थव्यवस्था में सुधार नए नए प्रयोग और गिरते हुए उद्योगों को आर्थिक सहयोग देकर संभालने की कवायद में बैंक जुट गए हैं। मुंबई में आयोजित देश के आर्थिक विकास में बैंकों की भूमिका पर विचार विमर्श में यह बातें निकलकर आई हैं। सेन्ट्रल बैंक की ओर से केंद्र सरकार के आर्थिक विकास की संकल्पना पर बल देने के लिए यह विचार विमर्श का आयोजन किया गया था।इसमें उपस्थिति बैंकर्स ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कई विषयों पर प्रकाश डाले। सेन्ट्रल बैंक के महाप्रबंधक एस.आर. खटीक ने अपनी बात रखते हुए कहा कि देश के सभी बैंक अब अर्थ व्यवस्था को संभालने के लिए तरह तरह के प्रयास में जुट गए हैं। भविष्य में युवाओं की सबसे अधिक फ़ौज भी भारत के पास ही होगी , ऐसे में इन युवाओं को रोजगार से जोड़ने के साथ साथ देश की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देना बैंकों की ही जिम्मेदारी का भाग है। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में कर्ज बढ़ाने के तरीकों और साधनों पर ध्यान केंद्रित करने, बड़े डेटा एनालिटिक्स को सक्षम करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाने और वरिष्ठ नागरिकों, जन सामान्य, किसान, छोटे उद्योगपति, उद्यमी, युवा, छात्र और महिलाओ की जरूरतों और आकांक्षाओं पर खरा उतरने के लिए बैंकिंग क्षेत्र को अधिक उत्तरदायी बनना होगा। बैंकर्स वी वी नटराजन ,सतीश तलरेजा , कविता ठाकुर ने भी अपने मत रखे।
यहा बैंकिंग क्षेत्र के समक्ष मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और भविष्य की रणनीति पर विचार करने ,आगे बढ़ने के तरीकों के बारे में मांगे गए सुझाव लोगों ने जम कर दिया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सुधारों पर सुझाव देने और उनके लिए भविष्य के रोड मैप के साथ बैंकिंग सेक्टर के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों, डिजिटल भुगतान में वृद्धि ,पीएसबी में कॉर्पोरेट प्रशासन , भारत के लघु
एवं माध्यम उदयमियों के लिए क्रेडिट ,खुदरा उधार – एक महान अवसर, कृषि क्रेडिट , भारत में निर्यात क्रेडिट आदि पर विचार रखे गए। सबसे अधिक जोर पाँच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की ओर बैंक क्रेडिट को सक्षम बनाने पर दिया गया। साथ ही आर्थिक विकास के लिए छोटे उद्योग ,फार्म सेक्टर , मुद्रा कर्ज ,शिक्षा कर्ज , महिला सशक्तिकरण के लिए कर्ज आदि पर भी बल दिया गया। विचार विमर्श से तैयार होने वाली रिपोर्ट केंद्र में भेजी जाएगी। इसे बाद में राज्य स्तरी बैंक कमिटी में भेज जायेगा।
युवाओं पर नजर
देश में युवाओं की ताकत है। लगभग 50% आबादी 25 साल से कम है, और
लगभग 65 % आबादी, 35 साल की उम्र से कम है. अगले दस वर्षों में 10 करोड़
लोग कार्यबल में प्रवेश करेंगे. देश के युवा महत्वाकांक्षी और जागरूक है.
नगदी का हो कम से कम उपयोग
भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने नकदी के कम उपयोग का दृष्टिकोण बनाया है। पिछले 5 वर्षों में डिजिटल भुगतान के उपयोग में भी उल्लेखनीय
वृद्धि हुई है. देश के सभी वित्तीय सेवाओं के मूल में, बैंकिंग नेटवर्क रीढ़ की तरह काम करता है.

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