maha: लन्दन में बाबा साहेब के स्मारक का आक्षेप लेने वाली क्वीन काउन्सिल को देंगे जवाब
लन्दन में शिक्षा के समय बाबा साहेब आंबेडकर रहते थे
सरकार ने खरीदकर उसे स्मारक व म्यूजियम बनाने का काम शुरू किया था।
क्वीन काउन्सिल ने अनुमति देने से इंकार कर दिया , साथ ही वहा शुरू दुरुस्तीकरण कार्य पर भी रोक लगा दिया है।
इससे महाराष्ट्र सरकार को मुँह की खानी पड़ी है।
maha: लन्दन में बाबा साहेब के स्मारक का आक्षेप लेने वाली क्वीन काउन्सिल को देंगे जवाब
मुंबई। लन्दन में बाबा साहेब आंबेडकर के स्मारक निर्माण में आक्षेप लेने वाली क्वीन काउन्सिल को राज्य सरकार जवाब देने की तैयारी में है। सितम्बर महीने के अंतिम सप्ताह में इस मामले की सुनवाई होगी। महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रखने के लिए स्टीवन गाइस्टोविक्ज़ तथा चार्ल्स रोज नमक विशेषज्ञों को नियुक्त किया गया है। लन्दन में दाव पर लगे प्रतिष्ठ को बचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने पैरवी करने के लिए सिंघानिया एन्ड को. सॉलिसिटर्स की नियुक्ति किया है।
लन्दन में शिक्षा के समय बाबा साहेब आंबेडकर जहाँ रहते थे सरकार ने खरीदकर उसे स्मारक व म्यूजियम बनाने का काम शुरू किया था। लेकिन क्वीन काउन्सिल ने अनुमति देने से इंकार कर दिया , साथ ही वहा शुरू दुरुस्तीकरण कार्य पर भी रोक लगा दिया है। इससे महाराष्ट्र सरकार को मुँह की खानी पड़ी है। इस बारे में सरकार के प्रवक्ता व सूचना एवं जनसम्पर्क महानिदेशक बृजेश सिंह ने कहा कि क्वीन कौंसिल के आक्षेपों का निराकरण कर यह स्मारक पूर्ण करने के लिए सभी स्तरों से प्रयास किए जाएंगे , प्रशासकीय स्तरपर की संपूर्ण कार्यवाही प्राथमिकता से पूर्ण की जा रही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने जब यह वास्तु खरीद ली थी तब वह अत्यंत जीर्ण अवस्था में थी. सुरक्षा की दृष्टि से इस वास्तु का तत्काल नुतनिकरण होना जरूरी था.
उल्लेखनीय है भारतरत्न डॉ. बाबासाहब वर्ष 1921-22 में लंदन शहर के 10 किंग हेन्री रोड में रहते थे।लगभग दो वर्ष पहले लंदन के भारतीय उच्चायुक्त के माध्यम से महाराष्ट्र सरकार ने खरीद ली थी. और आंबेडकर का स्मारक और वास्तु के नुतनिकरण का काम शुरू किया था।
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