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Maha News: अनुशासन देशहित में है , धर्म की रक्षा करों – भागवत

अपने आचरण और शौर्य से धर्म की रक्षा करो। सनातन धर्म( Sanatan dharm) केवल हिंदुओं (Hindus) के लिए नहीं है। वह मनुष्यमात्र के लिए है। इसके समाप्त होने पर संसार समाप्त हो जाएगा। इस सनातन संस्कृति को सदा के लिए प्रवाहमान बनाने के लिए आद्य शंकराचार्य और अन्य कई संतों ने अपने जीवन को झोंक दिया।

मुंबईJan 20, 2020 / 09:47 pm

Ramdinesh Yadav

Maha News: अनुशासन देशहित में है , धर्म की रक्षा करों - भागवत

Maha News: अनुशासन देशहित में है , धर्म की रक्षा करों – भागवत

मुंबई . धर्म के प्रति साधू संतों को सबसे सतर्क बताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि साधू संतो का जीवन हमें शिक्षा देता है कि अपने आचरण और शौर्य से धर्म की रक्षा करो। सनातन धर्म केवल हिंदुओं के लिए नहीं है। वह मनुष्यमात्र के लिए है। इसके समाप्त होने पर संसार समाप्त हो जाएगा। इस सनातन संस्कृति को सदा के लिए प्रवाहमान बनाने के लिए आद्य शंकराचार्य और अन्य कई संतों ने अपने जीवन को झोंक दिया। अनुशासन को देश हित में बताते हुए भागवत ने कहा कि समूह में चलने के लिए अनुशासन आवश्यक है। उसके लिए संयम आवश्यक है। हम प्रकृति के अभिन्न अंग हैं। लेकिन उसे भूलने के बाद लोगों ने प्रकृति का गलत तरीके से दोहन शुरू किया। जब जब संप्रदायों ने आचरण का खंडन किया तब तब कोई महान विभूति इस राष्ट्र में आई और उस कचरे को उखाड़ फेंका।विलेपार्ले पश्चिम स्थित संन्यास आश्रम में चल रहे पांच दिवसीय ‘अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम के पांचवे और अंतिम दिन मोहन भागवत बोल रहे थे .
उन्होंने कहा कि पूर्व में बनी गलत परंपरा का आदरपूर्वक बहिष्कार होना चाहिए। महापुरुष केवल सिखाते नहीं बल्कि आचरण द्वारा दिखाते हैं। अगर व्यक्ति सत्य और करुणा रखता है तो उसके आचरण में भी लक्षित होना चाहिए। सुख को लोग बाहर खोजते हैं पर वह हमारे अंदर है। एक समय के बाद बाहरी सुख फीका पड़ जाता है जबकि हमारे अंदर उपस्थित सुख कभी फीका नहीं होता। हर धर्म का मूल ही है, सत्य को अपने अंदर खोजना। यही सनातन धर्म की मर्यादा है।
साधू संतो का जमावड़ा
सम्मानीय अतिथियों में ब्रह्मलीन सुरतगिरि बंगला हरिद्वार नवम् पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी महेश्वरानंद द्वारा विरचित पुस्तक ‘चातुर्वर्ण्य – भारत-समीक्षा’ के हिंदी अनुवाद का विमोचन भी किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष और संन्यास आश्रम के व्यवस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि ने कार्यक्रम में आए विद्वतजनों और श्रद्धालुओं का आभार प्रकट किया। इनके अतिरिक्त महामंडलेश्वर स्वामी हृदयानंद गिरि,महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती और कार्ष्णि आचार्य महामंडलेश्वर गुरुशरणानंद महाराज, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल, मनोज कुमार अग्रवाल , विधायक पराग अलवणी , मोहित भारतीय , जाकिर अहमद उपस्थित थे
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