महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र से पहले शिंदे सरकार द्वारा अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने की उम्मीद थी, लेकिन अब खबर है कि कैबिनेट विस्तार में अभी और देरी हो सकती है। कहा जा रहा है कि वर्तमान सरकार को मंत्री पदों के आवंटन का फॉर्मूला तय करने में कठिनाई हो रही है। शिवसेना (शिंदे गुट), बीजेपी और इन दोनों दलों को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों को कैबिनेट में शामिल करना और ‘पॉवर बैलेंस’ करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
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बीजेपी के वरिष्ठ नेता और संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार (Sudhir Munganthiwar) ने कहा कि हमारी सरकार का विस्तार होगा, लेकिन अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है। उन्होंने शनिवार को कहा, “कौन मंत्री बनेगा और कौन नहीं यह मेरा विशेषाधिकार नहीं है, इसलिए मैं इस बारे में बात नहीं करूंगा। लेकिन कोर्ट के आदेश तक कैबिनेट विस्तार रुका हुआ था। मेरी जानकारी के अनुसार यह जल्द ही होगा। लेकिन कोई तारीख तय नहीं हुई है।” वरिष्ठ मंत्री के अनुसार, सीएम शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायक अभी अयोग्यता मामले का सामना कर रहे हैं, इसलिए कैबिनेट विस्तार को फिर से टाला जा सकता है।
कहां फंसा है पेंच?
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि वर्तमान सरकार में मंत्री पद पाने के लिए शिवसेना शिंदे गुट के 30 विधायकों और 10 निर्दलियों का दबाव है, जबकि बीजेपी भी मुश्किल स्थिति में है क्योंकि उसके पास भी 100 से अधिक विधायक हैं, जिसमें से अभी सिर्फ 9 ही मंत्री बन सके हैं। इसके अलावा 10 निर्दलीय विधायक भी मंत्री की आस लगाये बैठे है। सिर्फ 40 विधायक होने के बावजूद शिंदे गुट के पास 9 मंत्री और मुख्यमंत्री का पद है। यदि कैबिनेट विस्तार होता है, तो शिंदे गुट को केवल 7-10 मंत्री पद ही मिल सकते है, जबकि 30 विधायक कतार में है।
कहां फंसा है पेंच?
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि वर्तमान सरकार में मंत्री पद पाने के लिए शिवसेना शिंदे गुट के 30 विधायकों और 10 निर्दलियों का दबाव है, जबकि बीजेपी भी मुश्किल स्थिति में है क्योंकि उसके पास भी 100 से अधिक विधायक हैं, जिसमें से अभी सिर्फ 9 ही मंत्री बन सके हैं। इसके अलावा 10 निर्दलीय विधायक भी मंत्री की आस लगाये बैठे है। सिर्फ 40 विधायक होने के बावजूद शिंदे गुट के पास 9 मंत्री और मुख्यमंत्री का पद है। यदि कैबिनेट विस्तार होता है, तो शिंदे गुट को केवल 7-10 मंत्री पद ही मिल सकते है, जबकि 30 विधायक कतार में है।
बता दें कि शिंदे-फडणवीस सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार में कुछ ही विधायकों को मौका मिला था। तब मंत्री पद गंवाने वाले कई विधायक खफा हो गए थे। राज्य सरकार के मौजूदा कैबिनेट में कुल 20 मंत्री हैं। इसमें करीब 20 मंत्रियों को और शामिल किये जाने की संभावना जताई जा रही है।
महाराष्ट्र की सत्ता से उद्धव ठाकरे नीत महाविकास आघाडी (MVA) सरकार के हटने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने 30 जून को सरकार की कमान संभाली थी। शिंदे और फडणवीस के पदभार ग्रहण करने के 39 दिनों के बाद पहला कैबिनेट विस्तार हुआ था।