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मुंबई

जान जोखिम में डाल मरीजों का उपचार कर रहे डॉक्टर, आईएमए ने कहा-अफवाहों पर न दें ध्यान

सोशल मीडिया (Social Media) पर इस तरह की अफवाहें फैलाई जा रहीं कि डॉक्टर डिस्पेंसरी (Dispensaries) नहीं खोल रहे। भ्रम फैलाया जा रहा कि अस्पतालों (Hospitals) की ओपीडी (OPD) बंद है। हकीकत में ऐसा नहीं है। भिवंडी (Bhiwandi) ही नहीं देश भर में डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डाल कर मरीजों का उपचार कर रहे हैं। बेहतर होगा कि मरीज पहले से समय लेकर डॉक्टर के पास जाएं, इससे कोरोना (Corona) का संक्रमण रोकने में मदद मिलेगी।

मुंबईMar 31, 2020 / 01:27 pm

Basant Mourya

अपनी जान जोखिम में डाल मरीजों का उपचार कर रहे डॉक्टर, आईएमए ने कहा-अफवाहों पर न दें ध्यान

अपनी जान जोखिम में डाल मरीजों का उपचार कर रहे डॉक्टर, आईएमए ने कहा-अफवाहों पर न दें ध्यान

भिवंडी. एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना वायरस (Covid-19) से बचाव की जद्दोजहद में जुटा है, वहीं शहर की डिस्पेंसरी से डॉक्टरों (Doctors) की गैर-मौजूदगी की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। अस्पतालों में डाक्टरों की अनुपलब्धता को लेकर भी सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें कही जा रही हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की शहर अध्यक्ष डॉ. उज्जवला बर्दापुरकर (Dr. Ujjawala Bardapurkar) ने कहा कि सोशल मीमिया पर डिस्पेंसरी बंद या अस्पतालों में डॉक्टरों की अनुपलब्धता बाबत जो भी बातें कही जा रही हैं, सही नहीं है। संकट की घड़ी में डॉक्टर ईमानदारी से अपनी ड्यूटी (Duty) निभा रहे हैं। डिस्पेंसरी और अस्पतालों में डॉक्टर मरीज का उपचार (Treating Patients) कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। स्वास्थ्य संबधी कोई भी परेशानी हो तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
डॉ. बर्दापुरकर ने बताया कि भिवंडी के सभी अस्पताल और डॉक्टर रात-दिन अपनी जान जोखिम में डाल कर मरीजों की सेवा में जुटे हैं। हमें नहीं भूलना चाहिए कि डॉक्टर भी इंसान हैं, जो अपना घर-बार छोड़ कर मरीजों का उपचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल अथवा दवाखाना आने वाले मरीजों को सोशल डिस्ंिटेंसिंग (Social Distancing) से जुड़े नियमों का पालन करना चाहिए। दवाखानों और अस्पतालों की ओपीडी में भीड़ नहीं लगानी चाहिए।
पुलिस लगा रही फटकार
डिस्पेंसरी और ओपीडी पर परिजनों की भीड़ के लिए पुलिस डाक्टरों और अस्पताल प्रशासन को फटकार लगा रही है। डॉ. बर्दापुरकर ने कहा कि आने से पहले मरीज एक बार डॉक्टर को फोन कर लें और उसके बताए समय पर आएं, तो भीड़ से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों (Guidelines) का पालन करना चाहिए। क्योंकि कोरोना संक्रमण-छूत की बीमारी है। इसलिए लोगों को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। खुद अपनी सुरक्षा के प्रति लोगों को सजग-चौकस रहना चाहिए।

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