सूबे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि सत्ता संभालने के पहले 40 दिनों में उनकी सरकार ने 750 फैसले लिए है। उन्होंने बताया कि अकेले जल संसाधन विभाग ने 5500 करोड़ रुपये के कार्यों पर निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हमने पक्षपात करके कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह भी पढ़े-
शिवसेना से बगावत कर बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने वाले सीएम शिंदे ने पूर्व की महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे नीत एमवीए सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में मनमाने तरीके से आदेश जारी किए।
मीडिया से बात करते हुए मंगलवार को शिंदे ने दावा किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के जून के अंत में पद छोड़ने के बाद भी पिछली सरकार द्वारा कुछ आदेश जारी किए गए थे। उन्होंने पिछली सरकार के फैसलों पर रोक लगाये जाने के आरोपों को सिरे से नकार दिया।
उन्होंने कहा “हमने उन्हें (जीआर) रद्द नहीं किया है। हम उनकी समीक्षा करेंगे और महत्व के अनुसार उन्हें प्राथमिकता देंगे।” 20 से 23 जून के बीच, विभिन्न विभागों ने 182 सरकारी संकल्प (जीआर) जारी किए, जबकि 17 जून को उन्होंने 107 ऐसे जीआर पारित किए। तकनीकी रूप से जीआर का अर्थ अनिवार्य रूप से विकास संबंधी कार्यों के लिए धन जारी करने की मंजूरी देने वाला एक अनुमोदन आदेश है।
मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि आखिर उन फैसलों की समीक्षा क्यों नहीं की जानी चाहिए। विपक्ष पर भी कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा “हमारी सरकार जमीनी स्तर पर कार्य करती है। महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र में भारी बारिश से प्रभावित किसानों को सहायता, मुंबई के आरे में मेट्रो कार शेड और ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के फैसलों को पलटने जैसे मुद्दे पर सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नवगठित सरकार और विपक्ष में गरमा गरम बहस होने की उम्मीद है। यह सत्र 25 अगस्त को समाप्त होगा।