जानकारी के मुताबिक, पिछले सात दिनों से जारी सरकारी व अर्द्धशासकीय कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल आखिरकार खत्म हो गई है। कर्मचारियों के यूनियनों ने मुख्यमंत्री शिंदे के साथ बैठक की, जिसके बाद संगठन के समन्वयक द्वारा बातचीत के सफल होन की घोषणा की गई है। आंदोलन के समन्वयक की ओर से कहा गया है कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को प्रारंभिक स्तर पर मान लिया गया है।
हड़ताली कर्मचारियों की ओर से समन्वयक विश्वास काटकर ने मीडिया से कहा कि राज्य सरकार तीन महीने के भीतर मांगों को पूरा करेगी, इसलिए हम मंगलवार से हड़ताल वापस ले रहे हैं। काटकर ने सभी सरकारी कर्मचारियों से कल से काम पर आने की अपील की है।
काटकर ने कहा कि सरकार हमारी मांगों को लेकर सकारात्मक है और पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का वादा किया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने ऐसा लिखित आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री इस संबंध में राज्य विधानसभा में बयान देंगे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा बुलाए गए प्रतिनिधिमंडल में 16 सदस्य थे। इससे पहले भी हड़ताल पर गए कर्मचारियों के संगठनों और सरकार के बीच बातचीत हुई थी। बताया जा रहा है कि तब चर्चा सफल नहीं रही थी।
मालूम हो कि महाराष्ट्र के सरकारी, अर्धशासकीय, शिक्षण और गैर शिक्षण कर्मचारी, सरकारी अस्पतालों के नर्सिंग कर्मी आदि 14 मार्च से हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल में कर्मचारियों के 36 संगठन शामिल है। राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग पर विचार करने के लिए वरिष्ठ नौकरशाहों की एक कमेटी पहले ही गठित कर दी है।