बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला शिंदे गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 5 अक्टूबर को होने वाली दशहरा रैली की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सबसे पहले सवाल पूछा कि शिवाजी पार्क मैदान के लिए आवेदन किसने पहले किया था। ठाकरे गुट की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील एसपी चिनॉय ने कहा कि उद्धव गुट ने 22 और 26 अगस्त को आवेदन किया था।
यह भी पढ़ें
Maharashtra: शिवाजी पार्क नहीं तो फिर क्या? हाईकोर्ट में सुनवाई के बीच दशहरा रैली को लेकर शिवसेना का ‘प्लान बी’ तैयार!
वहीं शिंदे गुट के सदा सरवणकर ने 30 अगस्त को आवेदन किया था। उन्होंने कहा कि बीएमसी सिर्फ यही कारण बता रही है कि सरवणकर ने आवेदन किया था। वे बोले कि अगर उनकी कानून व्यवस्था खराब है तो यह उनकी समस्या है। रिकॉर्ड के हिसाब से हमें शिवाजी पार्क में रैली की इजाजत मिलनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोर्ट में कहा कि एकनाथ शिंदे शिवसेना के मुख्य नेता हैं। इसलिए उद्धव गुट का दावा गलत है। शिंदे खेमे के वकील मिलिंद साल्वे ने यह भी कहा कि शिवाजी पार्क एक खेलने का मैदान है और वह साइलेंट जोन है।