महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने कहा कि विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवारों का कोटा अधिक रखने की कोशिश की जाएगी। साथ ही इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाएगा कि कोई वोट अवैध न हो। कहा यह भी जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव में शिवसेना की हार के कारण एमवीए के सहयोगियों के बीच दूरियां बढ़ गई है। जिसका असर एमएलसी चुनावों पर पड़ा है। शिवसेना ने साफ शब्दों में कह दिया है कि वह अपने वोट को किसी अन्य के पास ट्रांसफर नहीं करने वाली है। जिससे कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
उल्लेखनीय है कि अजित पवार का कहना है कि सभी विधायकों को वोट देने के तरीके अच्छे से समझाए जाएंगे। वे बोले कि एनसीपी के दो विधायकों नवाब मलिक और अनिल देशमुख को वोटिंग की इजाजत नहीं मिली है। इसलिए इन वोटों की भरपाई हम निर्दलीय विधायकों से करेंगे। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा समय में 284 विधायकों के वोटिंग की उम्मीद है। राज्य की 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिससे एक की हार तय है। इस हिसाब से चमत्कार होगा यह किस तरफ से होगा इसे प्रदेश की जनता सोमवार को देखेगी।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल का दावा है कि इस चुनाव में भी बीजेपी के पांचों उम्मीदवार जीत दर्ज करेंगे। उनका कहना है कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को अपने तीसरे उम्मीदवार की जीत के लिए 11 वोटों की जरूरत थी। ऐसे में लोग सवाल खड़े कर रहे थे कि इतने मत कहां से लाएंगे। बावजूद इसके हम वोट लेकर आने में कामयाब रहे।
राज्य विधान परिषद चुनाव में शिवसेना और एनसीपी के उम्मीदवार आसानी से जीत दर्ज करते दिख रहे हैं। लेकिन लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। अब तक शिवसेना या फिर सीएम उद्धव ठाकरे की तरफ से एमवीए उम्मीदवार को जिताने के लिए कोई बयान नहीं आया है। यही कारण है कि पेंच फंस गया है।