उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि कोरोना आपदा के मद्देनजर नगर निगम और अन्य एजेंसियों द्वारा विभिन्न निवारक उपाय किए जा रहे हैं। हालांकि, स्थानीय रूप से माइक्रो-प्लानिंग की जाए तो अधिक प्रभावी ढंग से काम करना संभव होगा। लॉकआउट की छूट के बाद, सिस्टम की जिम्मेदारी बढ़ गई है। इसलिए, यदि उचित दूरी बनाए रखना, मास्क पहनना आदि का पालन नहीं किया जाता है, तो अनुशासन बनाने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि किसी भी मामले में प्रतिबंध क्षेत्रों में सख्त प्रतिबंधों को देखा जाएगा। कोरोना की श्रृंखला को तोडऩा हमारी अगली बड़ी चुनौती है। पवार ने यह भी सुझाव दिया कि उद्योगों और व्यवसायों को अनुमति देने पर ध्यान देकर अधिक देखभाल की जानी चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्र में भी पसरा कोरोना ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए समय पर सावधानी बरतने को उप मुख्यमंत्री पवार ने कहा कि पुणे शहर के साथ-साथ आसपास के गांवों में भी कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। संक्रमण को रोकने के लिए समय पर कड़े कदम उठाए जाने चाहिए और बुखार क्लिनिक में आवश्यक मानव शक्ति और सामग्री उपलब्ध कराई जानी चाहिए। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को जल्द से जल्द इलाज मिल सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविद देखभाल केंद्र, समर्पित कोविद अस्पताल में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं स्थापित की जानी चाहिए।
घर-घर सर्वे बढाया जाए
मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार अजॉय मेहता ने कहा कि एक ऐसे व्यक्ति की खोज आवश्यक है जो कोरोना संक्रमित रोगी के संपर्क में आए, घर-घर सर्वेक्षण करने के साथ-साथ कोरोना परीक्षण भी बढ़ाए। मेहता ने यह सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाने का भी निर्देश दिया कि कोरोना परीक्षण के लिए नमूना लेने के बाद रिपोर्ट प्राप्त करने में कोई देरी न हो।