इस योजनाओं में नवी मुंबई, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, नागपुर और अमरावती में उच्च शिक्षा प्राप्त करनेवाले धनगर समुदाय के छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा शामिल है। अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों में समुदाय के छात्रों को प्रवेश देना, बेघरों के लिए 10 हजार घरों का निर्माण, बजट में वित्तीय प्रावधान नहोने वाले कार्यक्रमों के लिए मूल बजट का प्रावधान, एक परीक्षा शुल्क में विशेष रियायत, युवाओं को सैन्य और पुलिस भर्ती और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक आवश्यक प्रशिक्षण, मुर्गी पालन व्यवसाय और बकरी पालन में सरकारी सहायता, मानसून की मार झेल रहे चरवाहों के लिए निरंतर आजीविका सुनिश्चित करने के लिए, महाराष्ट्र सरकार उन्हें जून और सितंबर के बीच मासिक भत्ता देती है।
बता दें कि तत्कालीन सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आदिवासियों के लिए बनाई गई सभी योजनाओं को धनगर समुदाय के लिए भी विस्तारित किया था। इसके बाद महाविकास अघाड़ी सरकार ने इन 22 योजनाओं को बंद करवा दिया था। अब सीएम और डिप्टी सीएम ने इन योजनाओं को दोबारा शुरू करने के आदेश दिए हैं। पिछड़े वर्ग के लिए किए गए कार्यों को कोई छिपा नहीं सकता।
पहली बार साल 2019 में इन योजनाओं को तत्कालीन फडणवीस सरकार द्वारा शुरू किया गया था, जिसमें इस समुदाय के छात्रों के लिए 10 हजार घर, आश्रम शालाएं, प्रवेश सीटें, छात्रवृत्ति और छात्रावास शामिल थे। समुदाय द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रावधान के तहत आरक्षण समेत सरकार से मांग किए जाने के बाद यह फैसला आया है।