शिवसैनिकों की इस इच्छा को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के बयान से जोर का करंट लगा है। पवार ने कहा है कि सरकार बनाने में अभी वक्त लगेगा। शरद पवार ने बताया कि महाराष्ट्र में सरकार गठन में अभी देर लगेगी। शरद पवार शुक्रवार को नागपुर में थे, वह यहां पर कांग्रेस विधायक नितिन राउत के घर पर यह बातें कही थी।
महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनाने के लिए तीनों दलों के बीच कई बार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष बात हो चुकी है। सियासत के इन तीन संभावित दलों का आधार उलझन भरा हुआ है, इसमें एक मुद्दा सुलझाते ही दूसरा खड़ा हो जाता है। चुनाव बाद बने इन तीन दलों के गठबंधन के बीच एक दूसरे पर अविश्वास करने के कई कारण हैं। एक दूसरे के बीच अनर्गल बयानबाजी का कड़वा इतिहास भी पहले से है। इस वजह से कई बार बातचीत होने के बावजूद सरकार गठन का मामला फंसा है। न्यूनतम साझा कार्यक्रम में भी कई पेंच सुलझाने बाकी बताए जा रहे हैं। शरद पवार रविवार को एक बार फिर से सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में एक बार फिर से सरकार गठन की शर्तों पर विचार किया जाएगा।
इन तीनों दलों को सरकार गठन के लिए मुश्किल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा था कि कांग्रेस अकेले मुद्दे नहीं सुलझा सकती है, दोनों नेताओं को साथ बैठना ही पड़ेगा। यहां पर दूसरे नेता से खडग़े का तात्पर्य शरद पवार से था। खडग़े ने कहा, कि सिर्फ कांग्रेस चीजें तय नहीं कर सकती है, एनसीपी चीफ शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रविवार को एक साथ बैठेंगे, इस दौरान आगे की कार्रवाई पर चर्चा होगी, ये लोग तय करेंगे कि समस्याएं कैसे सुलझाई जाएं, इसके बाद ही आगे की कार्रवाई हो पाएगी।
शिवसेना हुई आक्रामक, भाजपा को निशाना साधा
शिवसेना ने शनिवार को आरोप लगाया कि शुरुआत में सरकार गठन से पीछे हटने के बाद भाजपा अब महाराष्ट्र में सरकार गठित करने का भरोसा जता रही है और राष्ट्रपति शासन की आड़ में घोड़ाबाजार लगाने (विधायकों की खरीद-फरोख्त करने) की उसकी मंशा साफ दिखाई दे रही है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के उस बयान को लेकर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन छह महीने से अधिक नहीं चलेगा। पार्टी ने कहा कि नए राजनीतिक समीकरण कई लोगों को पेट दर्द दे रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को कहा था, कि भाजपा सबसे बड़ा दल है और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हमारी संख्या 119 तक पहुंचती है। इसके साथ भाजपा सरकार बनाएगी। शिवसेना ने मुखपत्र में कहा जिनके पास 105 सीटें हैं, उन्होंने पहले राज्यपाल से कहा था कि उनके पास बहुमत नहीं है। अब वे सरकार गठन का दावा कैसे कर रहे हैं? उन्होंने कहा, …घोड़ाबाजार लगाने का उनका मंसूबा अब साफ हो गया है। पारदर्शी सरकार का वादा करने वालों के झूठ अब सामने आ रहे है।
पार्टी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के राजनीति और क्रिकेट संबंधी बयान का जिक्र करते हुए कहा, कि गडकरी का संबंध क्रिकेट से नहीं है। उनका संबंध सीमेंट, इथेनॉल, एस्फाल्ट और अन्य चीजों से है। शिवसेना ने कहा कि क्रिकेट अब खेल कम और कारोबार ज्यादा हो गया है। क्रिकेट में भी ”घोड़ा बाजार और फिक्सिंग होती है। गडकरी ने कहा था, कि क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है। कभी आपको लगता है कि आप मैच हार रहे हैं, लेकिन परिणाम एकदम विपरीत होता है।