मिली जानकारी के मुताबिक, बच्चे की तबियत बिगड़ता देख परिजन उसे इलाज के लिए गांव के डॉक्टर के पास ले गए। लेकिन बच्चे की गंभीर स्थिती को देखते हुए डॉक्टर ने उसे घोणसरे के अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इसके बाद परिजन तत्काल बच्चे को लेकर अस्पताल के लिए भागे लेकिन रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई। घटना की सूचना गुहागर पुलिस को दी गई है।
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इस संबंध में गुहागर पुलिस में मामला दर्ज किया गया है। मृत बच्चे का नाम रिहांश तेरेकर बताया जा रहा है। घटना के बाद से परिवार में शोक की लहर लौड़ पड़ी है। बच्चे की मां अभी भी अपने लाडले के बिछड़ने की सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पा रही है। इस दर्दनाक हादसे से एक बार फिर यह बात सामने आई है कि माता-पिता को इस पर गौर करना चाहिए कि वे अपने बच्चों को किस तरह की चॉकलेट दे रहे हैं, साथ ही उस चॉकलेट को बच्चा खा सकता है या नहीं।
सतारा में बच्ची की मौत!
एक महीने पहले ही सतारा में भी ऐसी ही घटना हुई थी। जेली चॉकलेट खाने से एक साल की बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई थी. तब भी जेली मासूम के गले में फंस गया था। परिजन उसे अस्पताल ले गए थे। हालांकि डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह घटना सतारा के कर्मवीर नगर में हुई थी। पड़ोस में रहने वाली एक छोटी बच्ची ने मासूम को जेली चॉकलेट दिया था। जिसे बच्ची ने निगल लिया, लेकिन वह उसके गले में फंस गई और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। कुछ ही देर में बच्ची बेहोश हो गई और अस्पताल ले जाने से पहले ही उसकी मौत हो गई।