क्या कहते हैं वन्यजीव विशेषज्ञ डब्ल्यूआईआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. बिलाल हबीब अपनी टीम के साथ टाइगर पर नजर रखे हैं। उन्होंने बताया कि टाइगर ज्ञानगंगा जंगल में बस गया है और अब उसके इधर उधर जाने की संभावना कम ही है। मुख्य वन्यजीव वार्डन और महाराष्ट्र के प्रधान मुख्य संरक्षक नितिन काकोडकर ने कहा अगर टाइगर वापस अभयारण्य में आता भी है तो भी यह माना जाता है कि वह ज्ञानगंगा जंगल में बस गया है। टाइगर के रेडियो कॉलर की 80 प्रतिशत से अधिक बैटरी खत्म हो चुकी है। इसलिए कॉलर बैटरी बदलनी भी जरूरी है। इसके लिए वन्यजीव विशेषज्ञ उसे अभयारण्य में ठीक से बसने का इंतजार कर रहे हैं।
कहां कहां गया टाइगर टी1 सी1 महाराष्ट्र के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को सौंपी गई रिपोर्ट में लिखा गया है कि जून 2019 में मॉनसून तक टाइगर ने तिपेश्वर वन क्षेत्र का उपयोग किया। 21 जून, 2019 को बाघ यहां से बाहर निकलग गया। वह दक्षिण की ओर पिंगंगा वन्यजीव अभयारण्य की ओर बढऩे लगा और फिर कवाल बाघ अभयारण्य की ओर चला गया। कवाल अभ्यारण्य के उत्तर में क्षेत्र की खोज के बाद वह पीछे मुड़ गया और पिंगंगा वन्यजीव अभयारण्य की ओर लौट आया। क्षेत्र की खोज करने के बाद बाघ पश्चिम में वाशिम की ओर बढ़ता रहा। इस तरह वह नवंबर 2019 तक 1,100 किलोमीटर चल चुका था।