ज्ञात हो कि वेदांता कंपनी के सेमीकंडक्टर प्लांट को गुजरात लगाने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र में सियासी बवाल मचा है। विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इन सब के बीच सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमारी सरकार आए अभी दो महीने ही हुए हैं। लेकिन पिछले दो सालों के भीतर वेदांत फॉक्सकॉन कंपनी को तत्कालीन सरकार से जो प्रतिसाद मिलना चाहिए था, वह नहीं मिली, इसलिए यह निर्णय कंपनी द्वारा लिया गया हो सकता है ऐसा संदेह शिंदे ने जताया है।
शिंदे ने कहा कि सरकार ने इस परियोजना को महाराष्ट्र में शुरू कराने की कोशिश की है। इसके लिए कंपनी को पुणे के तलेगांव में एक साइट दी गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि वेदांता फॉक्सकॉन कंपनी के चेयरमैन के साथ बैठक भी की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद हम राज्य में उद्योग को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।
गौर हो कि इस मामले पर विपक्ष ने आरोप लगाया कि सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस की वजह से 1.5 लाख करोड़ का वेदांता कंपनी का प्रोजेक्ट महाराष्ट्र की जगह गुजरात चला गया। कांग्रेस की तरफ से प्लांट की जगह बदलने से कुछ ‘अपशगुन’ होने का आरोप लगाया है। जबकि एनसीपी का कहना है कि प्लांट को छीना गया है।
एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र में मुंह से निवाला छीना गया है। वे बोले कि एक बड़ा प्रोजेक्ट महाराष्ट्र के हाथ से फिसल गया। जबकि शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि जब एमवीए सरकार थी तो इस प्रोजेक्ट की वकालत तेजी से की गई थी और यह तय था कि प्लांट महाराष्ट्र में लगेगा। वे बोले कि मौजूदा सरकार निवेशकों का विश्वास खो चुकी है।