scriptMaharastra Election : ग्राउंड रिपोर्ट : एजुकेशन हब अमरावती में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा | Maharastra state assembly Election : | Patrika News
मुंबई

Maharastra Election : ग्राउंड रिपोर्ट : एजुकेशन हब अमरावती में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा

अमरावती जिले की आठ विधानसभा सीटों की जमीनी पड़तालविदर्भ के प्रमुख शहर में विशेष सुविधाओं का भारी टोटायूथ फैक्टर बनेगा चुनाव में निर्णायक

मुंबईOct 19, 2019 / 07:20 pm

Binod Pandey

Maharastra Election : ग्राउंड रिपोर्ट : एजुकेशन हब अमरावती में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा

Maharastra Election : ग्राउंड रिपोर्ट : एजुकेशन हब अमरावती में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा

आलोक पण्डया
अमरावती. महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और साहित्यिक नगरी अमरावती इन दिनों एजुकेशन हब के रूप में उभर रही है। विदर्भ के इस दूसरे बड़े शहर में आस-पास के 11 जिलों से युवा उच्च शिक्षा के लिए पहुंचते हैं, लेकिन डिग्रियां देने वाले अमरावती में रोजगार का संकट सबसे बड़ा मुद्दा है। एमआईडीसी के दो ओद्योगिक क्षेत्रो में उद्योग तो लगे, लेकिन स्थानीय युवाओं को वहां श्रमिक से बेहतर कोई नौकरी नहीं है। ऐसे में अमरावती से मुंबई-पुणे और देश के दूसरे बड़े शहरो में युवाओं का पलायन हो रहा है।

एमबीए कर रहे सुमित रहाटे कहते हैं, इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद जॉब नहीं मिली। अब एमबीए करके बड़े शहरों में नौकरी तलाशूंगा। शिक्षाविद् सुभाष वानखेड़े ने बताया, अमरावती में सामाजिक संस्थाओं की सक्रियता से शिक्षा में तो बड़ा काम हुआ लेकिन रोजगार नहीं ला पाए। तिवसा की कांग्रेस विधायक यशोमती ठाकुर भी रोजगार को बड़ा मुद्दा बनाकर फडणवीस सरकार पर प्रहार कर रही हैं।

बीमार चिकित्सा सुविधाएं
बदहाल सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं इस इलाके का बड़ा संकट है। सरकारी मेडिकल कॉलेज मंजूर हो चुका है, लेकिन बनने में काफी वक्त लगेगा। निजी क्षेत्र का पंजाबराव मेडिकल कॉलेज इस कमी को दूर तो करता है, लेकिन गंभीर बीमारियों पर नागपुर जाना मजबूरी है। इलाज के लिए मेलघाट से अमरावती आए दयाराम वाघमारे ने कहा कि, सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल नाम मात्र का है।
मुंह चिढ़ाता है कचरे का पहाड़
अमरावती में सड़कें साफ़ हैं, लेकिन कचरे का सही निष्पादन नहीं होने से उसके पहाड़ खड़े हो गए हैं। जिस कंपनी को कचरा नियोजन का काम दिया वह भाग गई। स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़े इस शहर के जनप्रतिनिधि इस ओर कोई ध्यान नहीं दे सके।

सियासी समीकरण : दोनों गठबंधन में कड़ी टक्कर
जिले की आठ विधानसभा सीटों में 2014 के चुनाव में भाजपा को चार और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं। दो सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने कब्ज़ा जमाया था। इस बार भी दोनों गठबंधनों के बीच टक्कर है। अमरावती सीट पर सबसे रोचक मुकाबला है, यहां भाजपा ने वर्तमान विधायक डॉ. सुनील देशमुख को टिकट दिया है। देशमुख पहले कांग्रेस में थे, 2009 में उनका टिकट काटकर पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के पुत्र राव साहब शेखावत को देने के बाद वे भाजपा में आ गए। देशमुख के सामने कांग्रेस ने एनसीपी की सुलभा खोड़के को उतार कर दोनों दलों को साधने की कोशिश की है। धामणगांव में वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रत्याशी ने मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है तो दर्यापुर में भाजपा की बागी सीमा सांवले ने कांग्रेस-भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
मेलघाट और अचलपुर में भारी पड़ रहे शेतकरी
मोर्शी में कृषि मंत्री अनिल बोंडे के सामने शेतकरी स्वाभिमानी संगठन के देवेन्द्र भुयार मैदान में हैं। यहां कांग्रेस के ठाकरे परिवार और एनसीपी के देशमुख परिवार की आपसी खींचतान के बाद गठबधंन के साथी शेतकरी संगठन को यह सीट मिली।

अमरावती की जंग
सीट उम्मीदवार दल
धामणगांंव वीरेंद्र जगताप। कांग्रेस
प्रताप अड़सड़। भाजपा
नीलेश विश्वकर्मा। वंचित बहुजन अगाडी
अमरावती। डॉ. सुनील देशमुख। भाजपा
सुलभा खोड़के। कांग्रेस
तिवसा। यशोमती ठाकुर। कांग्रेस
राजेश वानखेड़े। शिवसेना
दर्यापुर। रमेश बुंदिले। भाजपा
बड़वंत वानखेड़े। कांग्रेस
सीमा सांवले। निर्दलीय
मेलघाट। रमेश मावस्कर। भाजपा
केवलराम काले। एनसीपी
राजकुमार पटेल। प्रहार ( निर्दलीय)
अचलपुर। सुनीता फिसके। शिवसेना
बबलू देशमुख कांग्रेस
बच्चू कडू प्रहार ( निर्दलीय)
मोर्शी। अनिल बोंडे। भाजपा
देवेन्द्र भुयार। शेतकरी स्वाभिमानी संगठन
बडनेरा। रवि राणा। निर्दलीय ( कांग्रेस समर्थित)
प्रीति बंड। शिवसेना

Home / Mumbai / Maharastra Election : ग्राउंड रिपोर्ट : एजुकेशन हब अमरावती में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो