राउत ने कहा कि शिवसेना भी युति में रहना चाहती है…लेकिन, इस पर अंतिम निर्णय उद्धव लेंगे। उन्होंने कहा कि सियासी लाभ के लिए कांग्रेस-एनसीपी ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए समर्थन दिया था। आज भी भाजपा के साथ शिवसेना के अच्छे संबंध हैं। हम चाहते हैं कि जिन बातों पर लोकसभा चुनाव के दौरान सहमति बनी थी, भाजपा उस पर अमल करे।
उन्होंने कहा कि शिवसेना विधायकों को तोडऩे की बात पूड़ी छोडऩे जैसी है। जो लोग ऐसा कह रहे हैं, हम उनकी पूड़ी बांध रहे हैं। शिवसेना विधायकों को कोई नहीं तोड़ सकता। हम दावे के साथ कह सकते हैं कि पार्टी का एक भी विधायक दलबदल के लिए तैयार नहीं है। राज्य में कई समस्याएं हैं, जिनके समाधान की जरूरत है। यह तभी संभव है जब भाजपा-शिवसेना नेता बैठ कर बात करेंगे।