वर्तमान इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया के तीन दौर पूरा करने के बाद भी रिक्त पदों में से 48 प्रतिशत सीटें रिक्त हैं। इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए राज्य भर से करीब एक लाख 27 हजार सीटों के लिए 94 हजार छात्रों ने आवेदन किया था। वहीं तीसरे राउंड के बाद 65 हजार 441 सीटों जगहों के लिए छात्रों ने दाखिला लिया। अब तक 62 हजार 86 सीटें खाली रह गई हैं। इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के मैकेनिकल इंजीनियरिंग को सबसे अधिक स्थान के बावजूद सबसे कम प्रतिक्रिया मिली है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अधिकतम 33 हजार 900 सीटें थीं। उनमें से केवल नौ हजार 566 सीटों पर 28.22 प्रतिशत सीटें ही भरी हैं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 30.92 फीसदी ही प्रवेश हुए हैं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 11 हजार 944 सीटें हैं, जिनमें से केवल तीन हजार 693 सीटों पर छात्रों ने प्रवेश लिया है। वहीं 20 हजार 832 सीटों के साथ सिविल इंजीनियरिंग में छह हजार 830 छात्रों ने प्रवेश लिया है। इसका प्रतिशत 32.79 रहा। वहीं फूड टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी को छात्रों की ओर से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।
छात्रों ने सूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में रुचि दिखाई है। सूचना प्रौद्योगिकी की नौ हजार 949 सीटों में से छह हजार 459 छात्रों ने प्रवेश लिया है। कंप्यूटर इंजीनियरिंग की 17 हजार 476 सीटों पर कुल 11 हजार 654 छात्रों ने प्रवेश लिया है। इस साल कई पाठ्यक्रमों के लिए छात्रों की कमी के चलते बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग की सीटें खाली पड़ी हैं।
कोर्स – जगह – प्रवेश – प्रतिशत
– मैकेनिकल इंजीनियरिंग – 33900 – 9566 – 28.22 %
– इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग – 11944 – 3693 – 30.92 %
– सिविल इंजीनियरिंग – 20832 – 6830 – 32.79 %
– इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरभाष अभियांत्रिकी – 20018 – 8210 – 41.01 %
– कंप्यूटर इंजीनियरिंग – 17476 – 11654 – 66.69 %
– सूचना टेक्नोलॉजी – 9094 – 6459 – 71.02 %
– कंप्यूटर टेक्नोलॉजी – 328 – 256 – 78.05 %
– फूड टेक्नोलॉजी – 200 – 143 – 71.50 %