scriptcrime diary: मां बचपन में चल बसी और शराबी बाप रोज पिटाई करता था फिर अचानक घटी घटना | Mother died in childhood and drunken father used to beat her every day | Patrika News
मुंबई

crime diary: मां बचपन में चल बसी और शराबी बाप रोज पिटाई करता था फिर अचानक घटी घटना

बचपन से ही माँ के प्यार से वंचित विजय ने पिता द्वारा नशे में रोज की पिटाई खा खाकर परेशान हो गया था, विजय ने घर छोड़ दिया था। रास्ते से मिले वाहनों से विजय नाशिकरोड, सिन्नर होते हुए रात में वह नांदुरशिंगोटे पहुंचा। भूख से परेशान विजय गांव में घूम रहा था तब सरपंच गोपाल शेलके ने उससे पूछताछ की, लेकिन उसने जानकारी नहीं दी

मुंबईJun 21, 2020 / 11:41 pm

Subhash Giri

crime diary: मां बचपन में चल बसी और शराबी बाप रोज पिटाई करता था फिर अचानक घटी घटना

crime diary: मां बचपन में चल बसी और शराबी बाप रोज पिटाई करता था फिर अचानक घटी घटना

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
नासिक. बचपन से ही मां की ममता से महरूम 13 साल का बच्चा पियक्कड़ बाप के रोज रोज की पिटाई से तंग आकर भूखे प्यासे घर छोडऩे चला गया, परन्तु पुलिस की सतर्कता से लडके को सातपुर एमआईडीसी स्थित दादी के घर सही-सलामत पहुंचा दिया गया। अंबड एमआईडीसी निवासी विजय की माँ का देहांत बचपन में ही हो गया था। शराबी पिता राजू जगताप सातपुर औद्योगिक वसाहत के एक कंपनी में काम करते हैं। बचपन से ही माँ के प्यार से वंचित विजय ने पिता द्वारा नशे में रोज की पिटाई खा खाकर परेशान हो गया था, विजय ने घर छोड़ दिया था। रास्ते से मिले वाहनों से विजय नाशिकरोड, सिन्नर होते हुए रात में वह नांदुरशिंगोटे पहुंचा। भूख से परेशान विजय गांव में घूम रहा था तब सरपंच गोपाल शेलके ने उससे पूछताछ की, लेकिन उसने जानकारी नहीं दी।
पुलिस ने दादी के हवाले किया बच्चे को
नांदुरशिंगोटे पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस उप निरीक्षक विकास काले ने विजय को विश्वास में लेते हुए पूछताछ की। जानकारी प्राप्त होते ही पुलिस ने विजय के रिश्तेदारों से संपर्क करना शुरू किया। विजय की सातपुर निवासी दादी से संपर्क होने के बाद विजय के बारे में जानकारी दी गई। दादी ने विजय को किसी वाहन से घर भेजने की अपील की। पुलिस कर्मियों ने पुलिस अधीक्षक आरती सिंह से संपर्क कर रात 1 से डेढ़ बजे के बीच विजय को दादी के हवाले कर दिया।
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तीन साल की बेटी जोर-जोर से चिल्लाई, तो मां की जान बच गई
मुंबई. नवी मुंबई में तीन साल की बच्ची के चिल्लाने से महिला की जान बच गई। मां ने बेडरूम में फांसी लगा ली थी, मां को न पाकर बच्ची जोर-जोर से रोने लगी। इससे पड़ोसियों ने पुलिस को फोन किया और पुलिस ने तत्काल घटना स्थल पर पहुंचकर महिला की जान बचा ली। यह घटना गुरुवार रात नौ बजे की है। बच्चे का रोना सुनकर लोगों ने फ्लैट का दरवाजा ठोका, कोई जवाब न मिलने पर एनआरआई सागरी थाने को सूचना दी गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआई माधव इंगले, सिपाही स्वर, सिपाही कवाथे और फायर बिग्रेड के जवानों के साथ तुरत घटना स्थल पर पहुंचे।
बेडरूम का दरवाजा तोड़ा, तो मां को फंदे पर लटकते पाया
पुलिस ने बताया कि जब वे पहुंचे, तो दरवाजा बंद था, पहले उन्हें लगा कि बच्ची घर में अकेली है। इसके बाद दरवाजा तोड़ा गया, तो बच्ची हॉल में लेटी थी और बेडरूम की तरफ देखकर जोर से रो रही थी। उसने पुलिस को बेडरूम की तरफ इशारा भी किया। पुलिस ने बेडरूम का दरवाजा तोड़ा, तो बच्ची की मां को फंदे पर लटकते हुए पाया। उतारने पर पता चला कि महिला की सांस चल रही है। महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वह सुरक्षित है। महिला का पति मुंबई से बाहर नौकरी करता है, महिला अपनी बच्ची के साथ इस इमारत की दूसरी मंजिल पर रहती है।
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