परिवार से प्राप्त संस्कार के कारण मुकाम तक पहुंची
बच्चों में संस्कार हो, सभ्यता हो और वे अच्छी शिक्षा ग्रहण करके अपनी मुकाम पर पहुंच जाएं, इससे बड़ा तोहफा और क्या हो सकता है। माता-पिता एवं परिवार से अच्छी शिक्षा मिली, परिवार से प्राप्त संस्कारों के कारण आज मैं इस मुकाम पर हंू। दो बेटियों को जन्म दिया। इसमें एक बेटी अवनीत गुलाटी एमएससी की पढ़ाई पूरी करके कोचिंग क्लासेस के माध्यम से बच्चों में संस्कार डाल रही है, जबकि दूसरी बेटी नवनीत इंटीरियर डिजाइनर है और कंपनी में बतौर एक्जक्यूटिव डिजाइनर के रूप में कार्यरत है। स्कूल में बतौर प्रिंसिपल मंजीत गुलाटी लगभग 150 बच्चों को शिक्षा दे रही हैं, मदर्स डे को लेकर समर कैंप में हैप्पी मदर्स डे का कॉर्ड बनवा रही हैं। इस कॉर्ड को बच्चों ने बेहतरीन ढंग से तैयार किया है।
मंजीत कौर गुलाटी