Mumbai Chaturmas Pravachan : आत्मा को पवित्र बनाता है पर्युषण महापर्व : विजय प्रभाकर सूरीश्वर
सच्चा ज्ञान दर्शन और चरित्र ये ही मोक्ष मार्ग प्रदाता है। आत्मा को शुद्ध करनेवाला ज्ञान प्राप्त करना है। दर्शन श्रद्धा समर्पण भाव ईश्वरीय तत्व तीर्थंकर परमात्मा प्रति होना आवश्यक है।
Mumbai Chaturmas Pravachan : आत्मा को पवित्र बनाता है पर्युषण महापर्व : विजय प्रभाकर सूरीश्वर
मीरा भायंदर. भायंदर पश्चिम पद्मावती नगर जैन संघ में चातुर्मास विराजित आचार्य विजय प्रभाकर सूरीश्वर ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा मोक्ष मार्ग को पाने के लिए तत्वार्थोधिगम सूत्र में पहला सूत्र में ही कहा है की सच्चा ज्ञान दर्शन और चरित्र ये ही मोक्ष मार्ग प्रदाता है। आत्मा को शुद्ध करनेवाला ज्ञान प्राप्त करना है। दर्शन श्रद्धा समर्पण भाव ईश्वरीय तत्व तीर्थंकर परमात्मा प्रति होना आवश्यक है। चरित्र जीवन में अपने आत्मा को नियमन में लेते हुए अपने चरित्र को उज्जवल बनाने पवित्रता को बढ़ाना है। मोक्ष प्राप्ति सहज और सरल नहीं है। आसानी से मिलनें वाला नहीं है। मोक्ष अनंत अशुभ कर्मो के क्षय के बाद मोक्ष प्राप्ति होती है उसके लिए कठिन तपश्वर्याक्रोध मान माया लोभ आसापित का त्याग करते हुए आत्म साधना करनी है। ये साधना का फल ही है मुक्ति मोक्ष। मोक्ष का सरल और सही अर्थ यही है। विटंबणा मुसीबतो से मुक्ति छुटकारा मोक्ष प्राप्ति हेतु किया हुआ धर्म से जीवन सरल शांतिमय बिटंबणा मुक्त बनता है।
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