गृह विभाग से जुड़ा मामला
मनपा के भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक सोमवार तक इस संबंध में रुख साफ हो जाएगा। यह मामला गृह विभाग से जुड़ा है। इसलिए गृह विभाग जैसा दिशा निर्देश जारी करेगा। उसी के मुताबिक आगे की कार्रवाई अथवा तैयारी होगी।
बनते हैं अस्थाई शेल्टर
बड़े जानवरों की कुर्बानी के लिए अस्थाई तौर पर स्लाटर हाउस बनाने के साथ-साथ वहां पशु चिकित्सकों सहित मनपा और पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाती है। पशु चिकित्सक के प्रमाण पत्र जारी करने के बाद ही बड़े जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। लेकिन बकरीद में केवल एक सप्ताह का ही समय बाकी होने के बावजूद न ही स्लाटर हाउस के स्थान चिन्हित किए गए हैं और न ही कोई निर्धारण अथवा व्यवस्था हुई है। जिससे साफ़ संकेत मिलता है कि सरकार बड़े जानवरों की कुर्बानी की अनुमति देने के मूड में नहीं है।
कुर्बानी की संभावना नहीं
पुलिस प्रशासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जानवरों की कुर्बानी की संभावना न के बराबर है। क्योंकि इसमें कोविड के प्रचलित नियमों और सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पालन नहीं हो पाएगा। इसकी कुर्बानी के दौरान 6-7 लोग लगते हैं। इसलिए इस साल केवल बकरे की ही कुर्बानी होगी। अभी तक पशु चिकित्सकों की नियुक्ति न होना भी इसी बात की ओर इशारा करता है कि बड़े जानवरों की कुर्बानी का अनुमति नहीं मिलने वाली है और पूर्व में जारी जीआर के मुताबिक ही कुर्बानी होगी। जबकि इस दौरान मुस्लिम संगठनों और इसके प्रतिनिधियों द्वारा सरकार पर दबाव बनाने का काम सतत जारी है। हालांकि भिवंडी मनपा प्रशासन बार-बार अपनी बात को दुहराता नजर आ रहा है कि उसने कुर्बानी बाबत पूरी तैयारी कर रखी है। सरकार का जैसा निर्देश होगा। उसका पालन करेंगे। हम हर स्थिति के लिए तैयार बैठे हैं।