उद्धव नीत शिवसेना ने कहा कि बीकेसी की रैली बीजेपी समर्थित कार्यक्रमों में से एक थी। दशहरा रैली पर खर्च किए गए पैसों का इस्तेमाल कुछ विधायकों को खरीदने के लिए किया गया होगा। यह कार्यक्रम एक फैशन शो और एक सौंदर्य प्रतियोगिता की तरह था। जब से शिंदे और शिवसेना के अन्य विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत की, उद्धव ठाकरे गुट उन्हें यह कहते हुए निशाना बना रहा है कि प्रत्येक बागी विधायक ने 50 ‘खोके’ लिए अर्थात 50 करोड़ रुपये लिए।
सामना में छपे संपादकीय में कहा गया कि दशहरा रैली का आयोजन शिवसेना के नाम पर किया गया था, लेकिन यह बीजेपी का कार्यक्रम था। अपने भाषण में एकनाथ शिंदे ने मोदी-शाह चालीसा को पढ़ा। बता दें कि दशहरा वाले दिन शिवसेना के दोनों धड़ों ने मेगा रैलियां की थीं। उद्धव ठाकरे ने जहां दादर इलाके के शिवाजी पार्क में अपनी रैली को संबोधित किया, वहीं शिंदे ने बीकेसी में एक सभा को संबोधित किया।
बता दें कि शिवसेना के 39 विधायकों, 12 सांसदों ने सीएम एकनाथ शिंदे के साथ गठबंधन किया है, इसके साथ ही 10 निर्दलीय भी हैं। सीएम शिंदे की दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे के बड़े भाई जयदेव, पत्नी स्मिता और उनके भतीजे निहार ठाकरे मंच पर थे। निहार दिवंगत बिंदुमाधव ठाकरे के बेटे हैं। शिवसेना ने कहा कि यह बीजेपी ही है जिसने पटकथा तैयार की है। मुख्य भाषण का सार, संवाद, चरित्र बीजेपी द्वारा लिखे गए थे। शिंदे खेमा ऐसा दिखावा कर रहा था जैसे कि उसका बीजेपी में विलय हो गया हो और वहां समर्थकों के पास ‘मोदी-शाह’ का नारा लगाने की कमी थी।