Mumbai shravan : पांडवकालीन प्राचीन मंदिर है अंबरनाथ का शिव मंदिर
पूरे सावन माह में होती है शिव की पूजा
कैंप पांच स्थित कैलाश कॉलोनी उल्हासनगर और अंबरनाथ शहर की सरहद पर बना हुआ है पांडवकालीन प्राचीन शिव मंदिर
Mumbai shravan : पांडवकालीन प्राचीन मंदिर है अंबरनाथ का शिव मंदिर
उल्हासनगर. कैंप पांच स्थित कैलाश कॉलोनी उल्हासनगर और अंबरनाथ शहर की सरहद पर बना हुआ है पांडवकालीन प्राचीन शिव मंदिर। वैसे तो यहां हर सोमवार को भक्तों का तांता लगता है, लेकिन विशेषकर श्रावण मास में रोज पूजा पाठ और भक्ति का दौर जारी रहता है। अंबरनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर में मिले एक शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण 1060 ईस्वी में राजा शिलाहार ने करवाया था। इस मंदिर को पांडवकालीन मंदिर माना जाता है। यह मंदिर प्राचीन हिन्दू शिल्पकला की नायाब मिसाल है। ग्यारहवीं शताब्दी के मध्य में बने अंबरनाथ शिव मंदिर के बाहर दो नंदी बैल बने हुए हैं। मंदिर की मुख्य मूर्ति त्रैमस्तिकी है। इसके घुटने पर एक नारी है, जो शिव—पार्वती के स्वरूप को दर्शाती है। वालधुनी और वडवन नदी के तट पर बना शिवमंदिर इमली और आम के पेड़ों से घिरा हुआ है। मंदिर की वास्तुकला उच्चकोटि की है। यहां वर्ष 1060 ई. का एक प्राचीन शिलालेख भी पाया गया है, जिसमें मंदिर के निर्माण का उल्लेख है। इस मंदिर को तीर्थ स्थान घोषित किया गया है। इसलिए धीरे-धीरे मंदिर प्रांगण के बाहर सौंदर्यीकरण हो रहा है और कुछ ही वर्षों में यह स्थान रमणीक स्थलों में गिना जायेगा। इस मंदिर की ट्रस्ट करती है जिसके मुख्य सदस्य नगरसेवक विजय चाहू पाटिल, रवि पाटिल, युवराज पाटिल और अन्य हैं। पाटिल परिवार का मानना है कि इस प्राचीन मंदिर की मरम्मत करना आवश्यक है क्योंकि इतने वर्षों में इसकी दीवारें क्षीण अवस्था में हैं। बहरहाल शिवरात्रि के दिन यहां लाखों श्रद्धालु दूर दराज के शहरों और गांवों से भोले बाबा को मनाने आते हैं और पूरे श्रवण माह में भगवान शिव का जल और दूध से अभिषेक होता है। पूजा और हवन होता है तथा बड़े-बड़े साधु महात्मा और सिद्धपुरुष यहां पधारते हैं।
Home / Mumbai / Mumbai shravan : पांडवकालीन प्राचीन मंदिर है अंबरनाथ का शिव मंदिर