scriptPatra Chawl Scam: पुनर्विकास के नाम पर सैकड़ों लोग हुए बेघर, पीड़ितों ने बताई अपनी दर्द भरी दास्तान; देखें वीडियो | Patra Chawl Scam: Hundreds of people left homeless in the name of redevelopment, victims tell their painful story; watch video | Patrika News
मुंबई

Patra Chawl Scam: पुनर्विकास के नाम पर सैकड़ों लोग हुए बेघर, पीड़ितों ने बताई अपनी दर्द भरी दास्तान; देखें वीडियो

शिवसेना सांसद संजय राउत सोमवार से मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में 4 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं। इस घोटाले के आरोपियों पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसा तब से पात्रा चॉल में रहने वाले रहिवासियों की मुश्किले और बढ़ गयी जिन्हे यहां घर मिलने की उम्मीद थी।

मुंबईAug 02, 2022 / 03:55 pm

Siddharth

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Patra Chawl Scam

मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार शिवसेना सांसद संजय राउत की मुश्किलें बढ़ गयी है। आज पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें 4 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिमांड में भेज दिया है। मुंबई के गोरगांव स्थित पात्रा चॉल मामले में ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। घोटाला करने वाले बिल्डर जेल पहुंच चुके हैं। बिल्डरों से संबध रखने वाले शिवसेना सांसद संजय राउत जैसे दिग्गज लोगों पर ईडी ने अपना शिकंजा कस लिया है लेकिन जो लोग पुनर्विकास के लिए अपना घर देकर बेघर हो चुके हैं सालों से वो बेघर हैं।
ईडी ने बड़ा खुलासा करते हुए विशेष अदालत को बताया कि राउत और उनके परिवार को मुंबई में 1,034 करोड़ रुपये के एक आवास पुनर्विकास परियोजना में कथित अनियमितताओं से उत्पन्न 1 करोड़ रुपये से अधिक की “अपराध की आय” प्राप्त हुई है। इस बीच मीडिया से बात करते हुए पात्रा चॉल के पीड़ित परिवारों ने अपनी दर्ज भरी दस्ता सुनाया।
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बता दें कि पात्रा चॉल से बेघर होने वालों रहवासियों की सूची बहुत बढ़ी है। इन्हीं में से एक है पार्वती शंकर कटकर। पार्वती शंकर ने बताया कि वो अपने बेटों के साथ सालों से पतरा चॉल में रह रही थी। साल 2007 में जब उनके चॉल के पुनर्विकास का योजना बना तो वो खुश हुई थी की उनके बच्चों को अब नया घर मिलेगा लेकिन कई साल बीत गए पर आज तक उनको घर नही मिला। आज उनका परिवार उनके बच्चें किराए के घरों में रहने को मजबूर हैं।
पात्रा चॉल से बेघर सैकड़ो परिवार हैं जो आज किराए के घरों में रहने के लिए मजबूर हैं। उनमें से कुछ लोग जिंदा हैं और कुछ की मौत हो चुकी है। पात्रा चॉल में रहने वाली शांताबाई सोनावणे का पात्रा चॉल की रोड नंबर 10 में इनका घर था। पुनर्विकास की योजना में नए घर का इनका सपना सालों से सपना ही हैं। जब भी उनके घर की बात होती है वो भावुक हो जाती हैं।
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बता दें कि शांताबाई सड़क के किनारे सब्जी बेचकर अपने परिवार का ख्याल रखती है। शांताबाई ने बताया कि किन परिस्थितियों में उन्होंने इस चॉल में अपना घर बनाया था। जिसे कुछ लोगों ने नया घर देने का दावा करके कुछ नहीं किया और वो सालों से बेघर हैं। बिल्डर ने शांताबाई को 2-3 साल तक किराया दिया लेकिन इसके बाद उन्होंने किराया देना भी बंद कर दिया।
पात्रा चॉल के पास ही एक छोटी सी किराए की दुकान डालकर गुजरबसर करने वाले प्रकाश सावंत पिछले 60 सालों से यहां रहते थे। सालो पहले इन्हें भी नए घर मिलने की उम्मीद थी लेकिन पात्रा चॉल घोटाले ने इनके भी सपनो टूट गए। प्रकाश सावंत को अभी भी उम्मीद है कि उन्हें घर मिलेगा।
बता दें कि पात्रा चॉल के घोटाले में आरोपियों पर ईडी का शिकंजा कसा तबसे यहां रहने वाले उन करीब 670 रहिवासियों की मुश्किले और भी ज्यादा बढ़ गयी है, जिन्हे यहां घर मिलने की उम्मीद थी। पात्रा चॉल के लोगों के मुताबिक ये सबका जिम्मेदार म्हाडा और उसके भ्रष्ट अधिकारी हैं। 47 एकड़ पात्रा चॉल की जमीन में से करीब 13 एकड़ जमीन को म्हाडा ने रहिवासियों को दिया गया था।
गोरेगांव की पात्रा चॉल के पुनर्विकास से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार शिवसेना सांसद संजय राउत की मुश्किलें बढ़ गयी है। पीएमएलए कोर्ट ने संजय राउत को 4 अगस्त तक ईडी की रिमांड में भेज दिया है। एक दिन पहले ईडी ने राउत के मुंबई के भांडुप में स्थित ‘मैत्री’ आवास पर छापेमारी की और 9 घंटे तक तलाशी लेने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

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