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मुंबई

मनसे मुखिया के अटपटे बोल, हिंदी भाषियों के मंच से उन्हें ही बताया बाहरी

कयास लगाए जा रहे थे कि हिंदी भाषियों को अपनी पार्टी मनसे के साथ जोडऩे के लिए ठाकरे कोई बड़ी पहल करेंगे…

मुंबईDec 03, 2018 / 03:30 pm

Prateek

(मुंबई): महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के मुखिया राज ठाकरे ने रविवार को हिंदी भाषियों को बुरी तरह निराश किया। हिंदी भाषियों के मंच से ही उन्होंने मौजूद लोगों को समझाने की कोशिश की कि महाराष्ट्र में आप बाहरी हो और यहां आना आपकी मजबूरी है। क्योंकि वहां के नेताओं ने अपने प्रदेश के विकास पर ध्यान नहीं दिया। हां, पहली बार सार्वजनिक मंच से राज ठाकरे को लोगों ने हिंदी में बोलते जरूर सुना। इतना ही नहीं, उन्होंने हिंदी को अच्छी भाषा भी बताया। साथ ही यह भी साफ कहा कि वे मराठी माणुस के हितों की लड़ाई आगे भी जारी रखेंगे। कयास लगाए जा रहे थे कि हिंदी भाषियों को अपनी पार्टी मनसे के साथ जोडऩे के लिए ठाकरे कोई बड़ी पहल करेंगे।


दरअसल, कांदिवली पश्चिम के भुराभाई हॉल में राज ठाकरे के साथ सीधा संवाद कार्यक्रम का आयोजन उत्तर भारतीय महापंचायत ने किया था। मनसे मुखिया के स्वागत के लिए काफी तैयारी भी की गई थी। काशी से खास तौर पर 21 पंडित बुलाए गए थे, जिन्होंने मंत्रोचार के साथ मंच पर न सिर्फ राज ठाकरे का स्वागत किया, बल्कि पवित्र नदियों के जल से आचमन भी कराया। समय की पाबंदी को लेकर चर्चित रहने वाले ठाकरे तय कार्यक्रम के मुताबिक ठीक सात बजे कार्यक्रम में पहुंचे।

 

अपने राज्य में उठाएं आवाज

मनसे मुखिया ने हिंदी भाषियों से कहा कि आप अपने राज्य में आवाज बुलंद करें। अपने प्रदेश-क्षेत्र के विकास के लिए नेताओं पर दबाव बनाएं। अगर आपके राज्य में रोजगार होगा, तो भला हिंदी भाषी उन क्षेत्रों से आकर महाराष्ट्र में डेरा क्यों जमाते? हमें भी अपने राज्य के लोगों की चिंता है और हम उनके हक के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी बेरोजगारी है। कोकण-विदर्भ में बड़ी संख्या में युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं। उनका हक उन्हें मिलना चाहिए। हम उनके हक की लड़ाई आगे भी लड़ते रहेंगे।

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