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मुंबई

खाली पेट को सरकारी अनाज की दरकार

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लगातार कह रहे है हम हर गरीब तक राशन पहुंचाएंगे, पर यह सिर्फ बात बनकर रह गई नजर आती है…
एपीएल को 8 रुपए प्रति किलो गेहूं और 12 रुपये प्रति किलो चावल
बीपीएल को 2 रुपये किलो गेहूं और 3 रुपये किलो चावल , 20 रुपए किलो की दर से चीनी भी मिलेगी
राज्य में कार्ड धारकों की संख्या कुल 7 करोड़ से अधिक हैं।
राज्य में कुल 52 हजार से अधिक राशन की दुकान हैं।

मुंबईApr 09, 2020 / 06:51 pm

Arun lal Yadav

खाली पेट को सरकारी अनाज की दरकार

खाली पेट को सरकारी अनाज की दरकार

पत्रिका टीम मुंबई
मुंबई. कोरोना महामारी से मजदूर तबके की दुनिया पूरी तरह से पलट गई। वे लाचार हैं और अपना तथा बच्चों का पेट नहीं भर पा रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लगातार कह रहे है राज्य में कोई भूख नहीं सोएगा। हम हर गरीब तक राशन पहुंचाएंगे। पर यह सिर्फ बात बनकर रह गई नजर आती है…

शहर के विविध इलाकों में वंचित तबके की दशा बिगड़ती जा रही है। सरकार से ज्यादा बेहतर कार्य स्वंयसेवी संस्थाएं कर रही हैं, जो बड़े पैमाने पर लोगों के घरों में राशन पहुंचा चुकी हैं और, पहुंचा रही हैं…. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पत्रिका ने मुंबई शहर और आसपास के इलाकों में जाकर पीड़ितों अधिकारियों और राशन दुकानदारों से चर्चा की।

बातचीत में सामने आया कि इस संकट मे भी राशन का दुकानदार गरीब लोगों के लिए किसी राजा से कम नहीं है। ज्यादातर राशन दुकानदार गरीबों को दुत्कारते हैं। उसके खिलाफ शिकायत उसकी कल्पना से बाहर की बात है। गरीबों से बात करते हुए टीम को यह समझ में आया कि लोगों को लगता है कि दुकानदार सर्वशक्तिमान है, वह कुछ भी कर सकता है। उसकी शिकायत का मतलब है कि राशनकार्ड कैंसल।

सरकारी आंकड़ों की माने तो अब तक 12.5 लाख क्विंटल गेंहू, 9.75 लाख क्विंटल चावल वितरित किया गया है, पर लोग और उनके खाली पेट तो कुछ और ही कह रहे हैं। लोग पिछले कई दिनों से राशन की दुकानों पर चक्कर लगा रहे हैं, पर उन्हें जवाब मिलता है, सरकारी राशन अभी तक आया नहीं है, आएगा तो मिलेगा, चलो निकलो… खाली पेट राशन की दुकानों के चक्कर लगाने वाले लोग सरकारी अनाज आने की राह देख रहे हैं।

सरकारी अनाज की राह देख रहे हैं गरीब
नालासोपारा. नालासोपारा के ओशवाल नगरी में रहने वाली मीरा ने बताया कि वे पिछले कई दिनों से राशनकार्ड लेकर सरकारी राशन की दुकान के चक्कर लगा रही हैं। लेकिन उनको राशन नहीं मिल रहा है। इसी तरह पालघर के ग्रामीण क्षेत्रों डहाणू, तलासरी, वाड़ा, वानगांव में भी लोगों को सरकारी राशन मिलने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

पालघर के जिला सप्लाई अधिकारी संजय आहिरे ने पत्रिका से बात करते हुए कहा कि सभी पात्रों को राशन मिले इसकी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में शिकायतें हैं, हम उनकी जांच करेंगे और दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।

जल्द मिलेगा पांच किलो चावल
नवी मुंबई. गरीब लोग कह रहे हैं कि दुकानों पर राशन नहीं दिया जा रहा है। लोग राशन लेने जाते हैं वहां से उन्हें, माल नहीं है, कहकर लौटा दिया जाता है। वे इतने डरे हुए हैं कि शिकायत के लिए अपना नाम तक नहीं बताना चाहते।

इस बारे में जब पत्रिका ने राशनिंग अधिकारी बी.पी. मुलुक से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हमने सभी दुकानदारों को निर्देश दिया गया है कि सभी कॉर्ड धारकों को नियमित राशन सामग्री दिए जाएं। इसके साथ ही जल्द ही हम सरकार की तरफ से प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल देने की योजना की शुरुआत करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो राशन के दुकानदार गरीबों के अनाज की कालाबाजारी करते पाए जाएंगे उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

दुकानदारों को नही मिलता पूरा कोटा
मुंबई. मालाड, कांदिवली के स्लम इलाकों में सरकारी राशन का अता-पता नहीं है। पत्रिका ने अपनी पड़ताल में पाया कि सरकारी आदेश का सबसे ज्यादा उल्लंघन स्लम इलाकों में होता है। दुकानदार सभी जरूरतमंदों को राशन वितरित नहीं करते। लोग इन दुकानदारों से बहुत डरते हैं, वे सामने नहीं आना चाहते।

लक्ष्मी (बदला हुआ नाम) बताती हैं, मेरे पति रिक्शा चलाते हैं, अब एक रुपए की आय नहीं हैं। राशन वाला भी कह देता है कि अभी सरकारी राशन नहीं आया। ऐसे में हम तीन बच्चों को लेकर जाएं तो कहां जाएं। मालाड, कांदिवली के स्लम इलाकों की कुछ राशन के दुकानदारों से पत्रिका ने पूछा कि क्यों गरीबों को राशन नहीं मिल पा रहा है। तो उन सबका जवाब लगभग एक जैसा ही था। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक दुकानदार ने बताया कि हमें कुल यूनिट का 80 प्रतिशत ही अनाज वितरण के लिए मिलता है।

मनमानी राशन देते हैं दुकानदार

खाली पेट को सरकारी अनाज की दरकार

ठाणे. ठाणे के विविध इलाकों में राशन वालों की मनमानी जारी है। लोगों को अभी राशन नहीं आया बोलकर लौटाया जा रहा है। ठाणे के वागले स्टेट के साठे नगर में रहने वाले अशोक दयाराम शर्मा ने बताया कि राशन की दुकान चलाने वाले पूरी तरह से मनमानी कर रहे हैं।

हमें प्रति माह 2 किलो गेंहू,3 किलो चावल मिलता है। हमारे राशन कार्ड पर 6 सदस्यों की सूची है, लेकिन हमें व्यक्तियों के हिसाब से राशन नहीं मिलता। दुकानदार मनमानी से राशन देता है। अरहर की दाल व चना दाल तो कभी नहीं मिलती। अभी हम जब राशन के लिए गए तो दुकानदार ने कहा कि चावल 10 अप्रैल के बाद मिलेगा।

एरिया राशनिंग अधिकारी संदीप खंडारे से इससे संबंधित जानकारी पूछे जाने पर कहा कि राशन कार्ड पर प्रति सदस्य 2 किलो चावल, 3 किलो गेंहू, 1 किलो अरहर दाल,1 किलो चना दाल मिलती है। जिसमें गेंहू प्रति किलो 2 रुपए, चावल प्रति किलो 2 रुपए, चना दाल प्रति किलो 45 रुपए, अरहर दाल प्रति किलो 55 रुपए की दर से मूल्य निर्धारित किया गया है। जो लोग इस दर से राशन नहीं देंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

पैसे देकर भी नहीं मिल रहा अनाज
मीरा भायंदर. कोरोना आपदा से निपटने के लिए सरकार ने सरकारी राशन की दुकानों पर मुफ्त अनाज दिए जाने की घोषणा भले ही की हो पर मीरा भायंदर की दुकानों तक सरकारी अनाज नहीं पहुंच पाया है। मीरा भायंदर राशनिंग अधिकारी जितेंद्र पाटिल ने बताया की शहर में कुल 107 सरकारी राशन की दुकानें है और जल्द ही सभी दुकानों पर अनाज पहुंच जाएगा।

पाटिल के अनुसार प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल दिए जाएंगे। यदि एक राशन कार्ड पर पांच लोगों के नाम है तो 25 किलो चावल मिलेगा और यह मुफ्त होगा और जो नियमित अनाज मिलता है, उसकी दर तय है वह उसी दाम पर मिलेगा।

मीरा रोड शांति नगर सेक्टर नौ की दुकान नंबर एफ 41 एफ 211 के बाबू इमाम शेख ने बताया की अभी तक मुफ्त दिए जाने वाला अनाज उनकी दुकान तक नहीं पहुंचा है और कब तक पहुंचेगा इसकी अधिकृत जानकारी उनको नहीं मिली है। फिलहाल 3 रुपए किलो चावल और दो रूपए किलो गेंहू वे राशनकार्ड धारको को दे रहे हैं। जल्द ही चना दाल भी लोगों 45 रुपए किलो में मिलने लगेगी।

मीरा रोड के शीतल नगर में रहनेवाले लालू चौरसिया ने बताया कि वे जब भी राशन की दुकान पर जाते हैं, उन्हें एक ही जवाब मिलता है अभी माल नहीं आया है, जब पैसा देकर अनाज नहीं मिल रहा है, तो फ्री की उम्मीद कैसे करें।

उल्हासनगर में बंद है कई राशन की दुकानें

 

 

खाली पेट को सरकारी अनाज की दरकार

उल्हासनगर. शहर के कई दुकानदारों ने अपनी राशन की दुकानें बंद रखी हैं। इससे जरूरतमंद लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है। उल्हासनगर दो के रामभाऊ मलघि चौक आजाद नगर की राशन दुकान क्रमांक 40, एफ- 251 के मालिक शारदा नारायण गायकवाड़ ने बीस दिन से दुकान नहीं खोली है। राशन न मिलने से परेशान लोगों ने शिकायत की। जिसके बाद राशानिंग अधिकारी ने दुकान को सील कर दिया।

जिन लोगो को यहां से राशन मिलता था, अब उन लोगों को शास्त्री नगर, एटीपी स्कूल बी बी धनगर राशन वाले के यहां राशन उपलब्ध कराया जाएगा। दुकानदार राशन कार्ड धारकों से कहता है कि अभी तीन महीने का राशन नहीं आया है, अगले महीने जब आएगा तब मिलेगा। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है वे इधर-उधर परेशान नजर आ रहे हैं, उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।

नहीं मिल रहा नियमित राशन
भिवंडी. लॉक डाउन घोषित होने के बाद गरीब मजदूरों के सामने भुखमरी की समस्या पैदा हो गई है। सरकारी घोषणा वाले राशन का कोई अता-पता नहीं है। राशन कार्ड धारकों को प्रतिमाह की तरह मिलने वाला 2 रुपए किलो गेहूं और 3 रुपए किलो चावल भी कहीं मिला है, तो कहीं नहीं मिला है।

पावरलूम चालक साजिद शेख ने बताया कि बालाकंपाउंड स्थित दोनों सरकारी राशन की दुकानों में अभी तक नियमित राशन आधे कार्ड धारकों को ही उपलब्ध हो पाया है। सरकारी दर से राशन मिले या न मिले लेकिन शहर की अधिकांश दुकानदारों द्वारा सरकार द्वारा निर्धारित दर से आठ गुना से 10 गुना भाव पर राशन का सामान बेचा जा रहा है।

ठाणे के जिला अधिकारी राजेश नार्वेकर ने भिवंडी शहर और ग्रामीण इलाकों की सरकारी राशन दुकानों पर राशन सामग्री का वितरण कार्य शुरू करने का आदेश दिया है।

भिवंडी के प्रांताधिकारी डा. मोहन नलदकर ने भी कड़े शब्दों में सरकारी राशन दुकानदारों को राशन वितरण का निर्देश दिया है। पर इस सब के बावजूद राशन के दुकानदार मनमानी करते नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे भयंकर संकटकाल के दौरान राशन वितरण में सरकार तत्परता नहीं दिखा रही है। तो फिर कब दिखाएगी।

हर किसी को मिलेगा अनाज
खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने पत्रिका से बात करते हुए कहा कि राशन की दुकानों पर घपले करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम इस पर नजर रखे हुए है। हम हर हाल में हर किसी के पास राशन पहुंचाएंगे। किसी भी तरह की कालाबाजारी से कठोरता से निपटा जाएगा।

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