प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आरोपी कर्मचारी के खिलाफ गोरेगांव थाने (Goregaon Police Station) में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पुलिस ने रिलायंस जियो के वेंडर के वरिष्ठ तकनीशियन राजेंद्र मोहिते के बयान के आधार पर केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि यह वेंडर करीब सात साल से गोरेगांव-दहिसर बेल्ट में जियो के फाइबर केबल मेंटेनेंस का काम संभाल रहा है।
पुलिस को दिए बयान के अनुसार, 27 नवंबर को शाम करीब 4.30 बजे मोहिते को जियो के सर्वर से अलर्ट मिला कि गोरेगांव के एसवी रोड पर साइट डाउन है। जिसके बाद मोहिते और उनके कर्मचारी मौके पर पहुंचे। जांच में पता चला कि राम मंदिर फ्लाईओवर के पास इंडस्ट्रियल एस्टेट की छत पर ऑप्टिकल फाइबर केबल कटी हुई थी। टीम ने केबल तो ठीक कर दी लेकिन साइट अभी भी डाउन थी। इसके बाद आगे की जांच की गई तो राम मंदिर सिग्नल के पास फ्लाईओवर के नीचे एक और ऑप्टिकल फाइबर केबल कटी हुई मिली। जिसे ठीक कर दिया गया और टीम ने अपनी जांच जारी रखी।
28 नवंबर को टीम को गोरेगांव के जवाहर नगर में एक और ऑप्टिकल फाइबर केबल कटी हुई मिली। इसे ठीक करने के बाद सब सही हो गया। इसकी वजह से जियो के लगभग 2,500 ग्राहकों को समस्या का सामना करना पड़ा।
मोहिते की कंपनी ने मामले की जानकारी एक सब-वेंडर को दी, जिसके बाद परवेज खान पर शक हुआ। प्राथमिकी में कहा गया है कि परवेज खान ने नाराजगी के कारण फाइबर केबल काटने की बात स्वीकार की। दरअसल खान को गोरेगांव साइट से बोरीवली ट्रांसफर किया गया था। खान ने कथित तौर पर धमकी दी है कि अगर उसे गोरेगांव साइट पर बहाल नहीं किया गया तो वह भविष्य में भी और भी केबल कटेगा। इस मामले की जांच गोरेगांव पुलिस कर रही है। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। हालांकि रिलायंस जियो ने खबर लिखे जाने इस मुद्दे पर कोई बयान जारी नहीं किया है।