अब ऑनलाइन होंगे ट्रेन सुरक्षा में लगे आरपीएफ के जवान
अरुण लालमुंबई. चलती ट्रेन में यात्रियों और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों के बीच आए दिन होने वाले झगड़े सहित दूसरी शिकायतों के समाधान के लिए आरपीएफ ऑनलाइन तकनीक का इस्तेमाल करेगी। गाडिय़ों में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात जवानों को सेंट्रल रेलवे आरपीएफ बॉडी वार्म कैमरे देगी, जिसकी लाइव मॉनीटरिंग होगी। भारतीय रेलवे में अपनी तरह का यह पहला कदम होगा। पहले चरण में आरपीएफ ने 40 कैमरों के लिए टेंडर निकाला है। सेंट्रल रेलवे की लंबी दूरी की 44 गाडिय़ों में सुरक्षा ड्यूटी करने वाले आरपीएफ जवानों को यह बॉडी वार्म कैमरे दिए जाएंगे।
अब ऑनलाइन होंगे ट्रेन सुरक्षा में लगे आरपीएफ के जवान
आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त के. के. अशरफ ने उम्मीद जताई कि इससे यात्रियों और आरपीएफ जवानों को राहत मिलेगी। हमने पाया है कि आरपीएफ और यात्रियों के बीच कई मुद्दों पर बहस होती है। यात्री कहते हैं कि आरपीएफ की गलती है जबकि ड्यूटी पर तैनात जवान कहते हैं कि यात्री की गलती है। बॉडी वार्म कैमरे की मदद से यह आसानी से पता चल जाएगा कि कौन सही और कौन गलत है। एक कैमरा 39 हजार रुपए का है। ऐसे कुल 100 कैमरे खरीदे जाएंगे।
कंट्रोल रूम से होगी निगरानी
आरपीएफ के विभागीग सुरक्षा आयुक्त अरुण त्रिपाठी ने बताया कि सेंट्रल रेलवे में छह लाख रुपए की लागत से एक सर्वर बन रहा है। यह सर्वर 500 कैमरों को सपोर्ट करेगा। यह सर्वर सीसीटीवी कंट्रोल रूम में लगाया जाएगा। इस सर्वर के माध्यम से हम ड्यूटी पर तैनात जवानों की निगरानी कर सकेंगे। साथ ही सारा डेटा रिकॉर्ड होता रहेगा। एक महीने का डेटा रिकार्ड में रहेगा। जरूरत हो तो इसे कॉपी किया जा सकता है, नहीं तो डिलीट हो जाएगा।
22 टीमों को मिलेंगे यह कैमरे
फिलहाल सेंट्रल रेलवे आरपीएफ की 22 टीमें लंबी दूरी की ट्रेनों में स्कॉटिंग करती हैं। पहले चरण में ट्रेन में स्कॉटिंग करने वाले 40 जवानों को बॉडी वार्म कैमर दिए जाएंगे। इसके बाद और 60 कैमरे लाने की तैयारी है। एक ट्रेन में 1+5 जवानों की एक टीम होती है, जिन्हें ट्रेन स्कॉटिंग पार्टी कहा जाता है। सेंट्रल रेलवे में ऐसी कुल 22 स्कॉटिंग पार्टी है, यह लोग एक ट्रेन में जाते हैं। अपने अंतिम छोर से दूसरी ओर से आने वाली ट्रेन को स्कॉटिंग करते हुए वापस मुंबई ले आते हैं। इस तरह से कुल 44 ट्रेनों में स्कॉटिंग होती है।
लगाए जाएंगे तीन मॉनीटर
सभी बॉडी वार्म कैमरे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) के सीसीटीवी कंट्रोल रूम में बने सर्वर में लगे मॉनीटर से जुड़े होंगे। 40 इंच के तीन मॉनीटर होंगे। एक मॉनीटर में 16 कैमरे लगते हैं। इसे देखते हुए पहले चरण के 40 कैमरों के लिए तीन मॉनीटर लगाएंगे।
सुनिश्चित करेंगे महिलाओं की सुरक्षा
लेडीज स्पेशल लोकल ट्रेन में कई बार महिला यात्रियों और महिला कांस्टेबल के बीच बहस होती है। सेंट्रल रेलवे ने लेडीज स्पेशल लोकल में स्कॉटिंग करने वाली महिला कांस्टेबल को भी बॉडी वार्म कैमरे देने का फैसला किया है। इससे पहले यह प्रयोग पुणे में किया गया था। पर, पुणे में बॉडी वार्म कैमरा बेसिक था, जिसमें सिर्फ रिकॉर्ड होता था। जरूरत पडऩे पर उसे कंप्यूटर में डाल कर देखा जा सकता था। आरपीएफ के बॉडी वार्म कैमरे से समूची गतिविधि लाइव देखी जा सकती है।
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