हालांकि जाति प्रमाण पत्र के लिए जारी की जा रही कठिनाइयों के चलते छात्रों ने खुली श्रेणी से अपने आवेदन भरने को प्राथमिकता दी, इस डर को अनदेखा करते हुए कि अगर समय पर प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं मिला तो कहीं उनका साल न बर्बाद हो जाए। परिणामस्वरूप 11वीं प्रवेशों में एसईबीसी और ईडब्ल्यूएस की सीटें खाली रह गईं। 11वीं में एसईबीसी की 15 हजार सीटें हैं, जबकि ईडब्ल्यूएस में 12 हजार 923 सीटें हैं। इन सीटों के लिए मुंबई मंडल के एसईबीसी में 2 हजार 548, जबकि ईडब्ल्यूएस के लिए 1 हजार 376 आवेदन थे। लेकिन अब माता-पिता और छात्रों के मन में भ्रम की स्थिति दूर हो गई है। वहीं कई को प्रमाण पत्र के लिए एक आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है। इसलिए उन्होंने दूसरे दौर में एसईबीसी के तहत प्रवेश के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
पहली सूची में खुली श्रेणी से प्रवेश न मिलने के कारण कई छात्र अपनी जाति की श्रेणी बदलने के लिए उप निदेशालय के कार्यालय पहुंचे थे। इसलिए दूसरी सूची में सीबीसी की संख्या में वृद्धि की संभावना है, जिससे इस श्रेणी में प्रवेश के लिए मुश्किल होगी। विदित हो कि 11वीं प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों को किसी भी तरह की कोई समस्या होने न हो, इसके लिए शिक्षा उप निदेशालय के कार्यालय में हजारों रुपये खर्च करके एक सहायता केंद्र शुरू किया गया है। इसके बावजूद 11वीं में प्रवेश को लेकर छात्रों की समस्याओं को दूर किया जा रहा है। इसलिए छात्रों के लिए हजारों रुपये खर्च करके शुरू किया गया सहायता केंद्र भी नमूना बना ही नजर आ रहा है।