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स्वधार बना 400 बच्चों का सहारा, 18 महिलाएं जी रहीं सम्मानजनक जिंदगी

यौन कर्मियों ***** workers के बच्चों को वेश्यावृत्ति के दलदल से निकालने की मुहिमक्राउड फंडिंग से एक करोड़ जुटाने का लक्ष्य, समाज के सभी वर्गों का समर्थन

मुंबईMay 26, 2022 / 07:55 pm

Chandra Prakash sain

स्वधार बना 400 बच्चों का सहारा, 18 महिलाएं जी रहीं सम्मानजनक जिंदगी

स्वधार बना 400 बच्चों का सहारा, 18 महिलाएं जी रहीं सम्मानजनक जिंदगी

मुंबई. यौन कर्मियों के बच्चों को वेश्यावृत्ति के दलदल से निकाल उन्हें सही राह बढ़ाने की दिशा में स्वधार आइडीडब्लूसी काम कर रहा है। रेड लाइट red light एरिया में रहने वाले बच्चों के खाने-रहने, पढ़ाई-लिखाई और बीमार होने पर उनका इलाज भी संगठन करवाता है। मुंबई और पुणे के अब तक 400 बच्चों को स्वधार का सहारा मिल चुका है। इसकी मुहिम का नतीजा है कि 1800 महिलाएं जिल्लत भरी जिंदगी से उबर सम्मानजनक जीवन जी रही हैं। इधर-उधर भटकने वाले सैकड़ों बच्चे स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। कुछ बच्चे उच्च शिक्षा की तालीम भी हासिल कर रहे हैं। उपेक्षित तबके के बच्चों का भविष्य संवारने और जरूरतमंद महिलाओं की मदद संगठन का मकसद है। वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए संगठन ने गिव इंंडिया से हाथ मिलाया है। इस प्लेटफॉर्म पर क्राउड फंडिंग crowd funding के जरिए एक करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य है। हैरानी यह कि संस्था को 50 लाख रुपए से ज्यादा दान मिल चुका है। समाज के सभी वर्गों का इसे समर्थन मिल रहा है। दान में मिले रुपए से पुणे के बधवार पेठ स्थित कमर्शियल सेक्स वर्कर्स के बच्चों को प्रोजेक्ट मोहर के तहत जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

बच्चों के लिए सेंटर
स्वधार, पुणे की सचिव संजीवनी हिंगने ने बताया कि हम बधवार पेठ के रेड लाइट एरिया के बच्चों के लिए एक केंद्र बनाएंगे। इसमें रहने-खाने, पढऩे-लिखने, नहाने-धोने जैसी सुविधाएं मिलेंगी। कोठों पर बच्चों को इस तरह का माहौल नहीं मिलता। हम अब तक सैकड़ों बच्चों को अंधेरी दुनिया से निकाल चुके हैं। इनमें से कई उच्च शिक्षा भी हासिल कर रहे हैं। यहां पर बच्चों को पौष्टिक भोजन मिलेगा। पढ़ाई के लिए ई-लर्निंग सेंटर भी होगा। करियर आधारित पढ़ाई में भी संस्था बच्चों की मदद करती है।

संवारना है भविष्य
गिव इंडिया की डायरेक्टर प्रियंका प्रकाश ने कहा कि सेक्स वर्कर्स की लाइफ रेड लाइट एरिया तक सीमित होती है। वे कोठों पर रहती हैं। कम उम्र में लड़कियों का यौन शोषण होता है। आगे चल कर वे भी वेश्यावृत्ति prostitution को मजबूर होती हैं। उनके बच्चों का भविष्य संवारने के लिए हम बेहतर परिवेश देना चाहते हैं।

क्या प्रोजेक्ट मोहर
प्रोजेक्ट मोहर का मकसद सेक्स वर्कर्स के बच्चों को सही दिशा में आगे बढ़ाना है। पढ़-लिख कर ये बच्चे नौकरी करेंगे या स्वरोजगार शुरू करेंगे तो इनकी जिंदगी बदल जाएगी। रेड लाइट एरिया की हिकारत के बजाय ये समाज में सम्मान से जी सकेंगे। गलत लोगों की संगत में आने से अपराध की दुनिया की में भी ये बच्चे कदम नहीं रखेंगे।

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