बच्चों के लिए सेंटर
स्वधार, पुणे की सचिव संजीवनी हिंगने ने बताया कि हम बधवार पेठ के रेड लाइट एरिया के बच्चों के लिए एक केंद्र बनाएंगे। इसमें रहने-खाने, पढऩे-लिखने, नहाने-धोने जैसी सुविधाएं मिलेंगी। कोठों पर बच्चों को इस तरह का माहौल नहीं मिलता। हम अब तक सैकड़ों बच्चों को अंधेरी दुनिया से निकाल चुके हैं। इनमें से कई उच्च शिक्षा भी हासिल कर रहे हैं। यहां पर बच्चों को पौष्टिक भोजन मिलेगा। पढ़ाई के लिए ई-लर्निंग सेंटर भी होगा। करियर आधारित पढ़ाई में भी संस्था बच्चों की मदद करती है।
संवारना है भविष्य
गिव इंडिया की डायरेक्टर प्रियंका प्रकाश ने कहा कि सेक्स वर्कर्स की लाइफ रेड लाइट एरिया तक सीमित होती है। वे कोठों पर रहती हैं। कम उम्र में लड़कियों का यौन शोषण होता है। आगे चल कर वे भी वेश्यावृत्ति prostitution को मजबूर होती हैं। उनके बच्चों का भविष्य संवारने के लिए हम बेहतर परिवेश देना चाहते हैं।
क्या प्रोजेक्ट मोहर
प्रोजेक्ट मोहर का मकसद सेक्स वर्कर्स के बच्चों को सही दिशा में आगे बढ़ाना है। पढ़-लिख कर ये बच्चे नौकरी करेंगे या स्वरोजगार शुरू करेंगे तो इनकी जिंदगी बदल जाएगी। रेड लाइट एरिया की हिकारत के बजाय ये समाज में सम्मान से जी सकेंगे। गलत लोगों की संगत में आने से अपराध की दुनिया की में भी ये बच्चे कदम नहीं रखेंगे।