नदी की गहराई आधी हुई, कचरे से दिन प्रतिदिन भरती जा रही नदी
मुंबई•May 23, 2019 / 06:02 pm•
Devkumar Singodiya
कामवारी नदी की नहीं हुई सफाई
भिवंडी. शहर की सीमा से सटी कामवारी नदी के किनारे सीआरजेड के नियमों का उलंघन करके बड़े पैमाने पर हुए अवैध निर्माण के कारण इकलौती कामवारी नदी नाले के रूप में तब्दील हो गई है। आरोप है कि मनपा अधिकारियों की संलिप्तता से बिल्डर तो मालामाल हो गए लेकिन इन अवैध निर्माणों के चलते नदी का अस्तित्व ही पूरी तरह समाप्त हो गया है। बावजूद इसके कामवारी नदी के किनारे अवैध निर्माण करने वालों का गोरखधंधा अभी निर्बाध गति से जारी है।
भिवंडी में कामवारी नदी के दोनों किनारों पर गैरकानूनी बहुमंजिली इमारतों और बड़ी संख्या में पावरलूम शेड बनाए गए हैं। इसके कारण पूरी नदी नाला में तब्दील हो गई है। भिवंडी मनपा समेत ग्रामीण क्षेत्रों के नालों का पानी इसी कामवारी नदी में आता है। तेज बारिश के दौरान नाला बन चुकी कामवारी नदी शहर के नालों का पानी नहीं खींच पाती है। जिससे शहर के कई नीचले इलाके डूब जाते हैं, जिसमें कुछ इलाकों में तो पांच से सात फीट तक पानी भर जाता है। कामवारी नदी ही शहर की बरसाती जल निकासी का एकमात्र वह श्रोत है। जिससे शहर सहित ग्रामीण भाग के बरसात का पानी खाड़ी से होकर बाहर निकलता है। जो नदी नाका, म्हाडा कालोनी, भिवंडी वाड़ा रोड सहित नीचले क्षेत्रों की अन्य झोपडपट्टी क्षेत्रों में जाता है।
गहराई आधी हुई
कचरे से पूर्णतया पटी होने के कारण कामवारी नदी की गहराई आधी से भी कम हो गई है और उसका पाट भी कम होकर नाला जैसा हो गया है। मूसलाधार बारिश होने से नदी का पानी निकलकर सड़क पर भर जाता है। जिससे घंटों-घंटों तक भिवंडी-वाडा मार्ग बंद हो जाता है।