इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने राज्य के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी से बात की इसके बाद ट्रेन को मुंबई से रवाना किया गया।
अनिल देशमुख ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने लॉक डाउन के बाद अब तक लगभग 2.45 लाख प्रवासी मजदूरों को अपने-अपने गृह राज्यों में विशेष ट्रेनों से पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने मूल राज्यों में वापस जाने के इच्छुक प्रवासी श्रमिकों के टिकटों का खर्च वहन कर रही है।
देशमुख ने एक वीडियो संदेश में कहा अब तक लगभग 191 ट्रेन सेवाएं चलाकर लगभग दो लाख 45 मजदूरों को उनके गृह राज्यों में भेजा गया है। उन्होंने कहा कि ट्रेनों को महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, जम्मू और कश्मीर, झारखंड और आंध्र प्रदेश में चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अनुमति न होने के कारण हम पश्चिम बंगाल में ट्रेन नहीं भेज रहे थे। मजदूरों की समस्या को देखते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने व्यक्तिगत रूप से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की।
बता दें कि महाराष्ट्र पहला राज्य है जो महाराष्ट्र से बाहर जा रहे मजदूरों का किराया चुका रहा है। मुख्यमंत्री ने इन श्रमिकों को भेजने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 55 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। देशमुख ने बताया कि महाराष्ट्र में 3,884 कैंपों में 3 लाख 71 हजार 810 प्रवासी रह रहे हैं। राज्य सरकार उनके भोजन की व्यवस्था कर रही है।