एक घटना ने हमें हिला दिया डॉ. धामने बताते हैं, हम दोनों डॉक्टर हैं। तकरीबन 12 साल पहले की बात है। हम दोनों क्लीनिक से आ रहे थे। हमने देखा कि एक महिला कचरे के ढेर पर बैठी कुछ खा रही थी। हम करीब गए तो देखा कि वह अपना ही मल खा रही थी। इसके बाद उसने गटर का पानी पीया। इस घटना ने हमें हिला दिया। हमने इंसान की इतनी बुरी दशा की कल्पना नहीं की थी। हमारे भीतर एक बेचैनी थी कि हमें कुछ करना चाहिए। हमने सडक़ों पर भटकने वाली महिलाओं को घर का भोजन खिलाना शुरू किया। एक दिन हम एक जवान महिला को खाना खिला रहे थे। हमने पूछा कि आज महिलाएं घरों में असुरक्षित हैं ऐसे में आप कैसे रहती हो। उन्होंने बताया कि रात में मैं सडक़ के डिवाइडर के बीच छुप कर सोती हूं, ताकि कोई देख न सके। यह सूचना हमारे लिए भयानक थी। यह दूसरी घटना थी, जो हमारे हृदय को करुणा से भर गई।
पिता से मांगी जमीन हम समझ गए थे कि इंसान कितना हैवान बन गया है। सडक़ों पर पागल होकर घूमने वाली महिलाओं का रेप और गैंग-रेप करने में वह पीछे नहीं है। हमने सोचा इनके लिए भी कुछ करना चाहिए। अहमदनगर-शिर्डी रोड पर मेरे पिता के पास एक जमीन थी। मैंने अपने पिताजी से वह जमीन मांगी, जो मिल गई। हमने इस जमीन पर घर बनाना शुरू किया। जब घर बन गया तो सबसे पहले एक महिला, जिन्हें मैं अक्का कहता था, उनसे मिला और कहा, अक्का चलो अब आपके लिए घर बन गया है। पर वे आने को तैयार नहीं हुईं। मैं जबर्दस्ती उन्हें यहां लाया। धीरे-धीरे वे यहां की हो गईं। महिलाएं आती गईं और कारवां बढ़ता गया। लेकिन, कई बीमारियों से ग्रसित अक्का चल बसीं।
गरीबों के इलाज के लिए अस्पताल अक्का के निधन के बाद हमने सोचा कि ऐसा अस्पताल बनाया जाए, जिसमें गरीबों का इलाज हो सके। संसार में अच्छे लोगों की कमी नहीं है। देखते-ही-देखते लोग समाने आए और बनगांव में 600 बेड का यह अत्याधुनिक अस्पताल शुरू हो गया। हम मानते हैं कि संसार में इंसानियत बिखरी पड़ी है अगर आप कदम बढ़ाते हैं तो लोग मदद को आगे आएंगे। आप शुरू तो कीजिए।