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नरभक्षी बाघिन की मौत के लिए बनी जांच समिति में और विशेषज्ञ शामिल

यह समिति टी -1 बाघिन की मौत के मामले में वन्यजीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत इस बात की पुष्टि और सत्यापन करेगी कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशानिर्देशों किया गया है या नहीं…

मुंबईNov 17, 2018 / 02:20 pm

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(मुम्बई): नरभक्षी बाघिन अवनी टी 1 के मामले की जांच समिति में कुछ और विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। अब समित में कुल छह सदस्य हो गए। समिति को तकनीकी दृष्टि से मजबूत बनाने के लिए वन्यजीव क्षेत्र में लंबा अनुभव रखने वाले बाघ विशेषज्ञ और सेंटर फॉर वाइल्ड लाइफ स्टडीज, बेंगलूर के निदेशक डॉ. उल्हास कारंथ को समिति का सह-अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। साथ ही भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून, शोधकर्ता डॉक्टर पराग निगम की नियुक्ति समिति के सदस्य के तौर पर की गई है।


राज्य के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के आदेशानुसार टी-1 मादा बाघ की मृत्यु की जांच करने के लिए मुख्य वनसंरक्षक डॉ. एस.एच. पाटिल की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की गई थी। बाघिन की मौत की और गहराई से छानबीन करने के लिए इस समिति का पुनर्गठन कर दिया गया है।

 

अब इस समिति में छह विशेषज्ञ हैं। अध्यक्ष, सह-अध्यक्ष और सदस्यों के अलावा मुम्बई से डॉ. अनिश अंधेरिया- अध्यक्ष वाइल्ड लाइफ कंसर्वेशन ,भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के डॉ. बिलाल हबीब सदस्य के तौर पर और उच्च मुख्य वनसंरक्षक नितिन काकोडकर को सदस्य सचिव के तौर पर पहले से शामिल थे। उल्लेखनीय है यह समिति टी -1 बाघिन की मौत के मामले में वन्यजीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत इस बात की पुष्टि और सत्यापन करेगी कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशानिर्देशों किया गया है या नहीं।

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