कोर्ट ने नाराजगी जताई
मुंबई•Jun 24, 2021 / 08:13 pm•
Chandra Prakash sain
निजी अस्पतालों को कोरोना वैक्सीन लगाने की शासन से मिली अनुमति, 150 रुपए मूल्य किया निर्धारित
मुंबई. महानगर में वैक्सीन फर्जीवाड़ा पर बांबे हाइकोर्ट ने चिंता जताई है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपाकंर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि हमें चिंता टीका लगवाने वाले लोगों की सेहत को लेकर है। बीएमसी और सरकार को उनके स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए। कोर्ट ने नाराजगी जताई कि आदेश के बावजूद रिहायशी सोसोयटी, ऑफिस आदि जगहों पर वैक्सीनेशन कैंप लगाने के लिए गाइडलाइन नहीं घोषित की गई है। सरकारी वकील ने बताया कि फर्जी टीकाकरण में शामिल आरोपियों ने महानगर में नौ जगह कैंप लगाए। इन कैंपों में 2000 से ज्यादा लोगों को टीके लगाए गए। वैक्सीन फर्जीवाड़े से जुड़े मामले में चार एफआईआर दर्ज की गई है। कांदिवली की हीरानंदानी हेरिटेज सोसायटी के सदस्यों सहित 400 लोगों के बयान लिए गए हैं। चार आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। एक डॉक्टर फरार है। मामले की जांच रिपोर्ट भी अदालत में जमा की गई। कैंप आयोजकों को बीएमसी की ओर से वैक्सीन नहीं दी गई। बीएमसी ने सीरम इंस्टीट्यूट को पत्र लिखा है, जिसका जवाब नहीं मिला है। मामले की अगली सुनवाई 29 जून को होगी।