बेटी ने भी किया गर्व से सिर ऊंचा
सरिता और पुरुषोत्तम की एक बेटी है स्पर्श जो यूपीएससी करने वाली है और उसको इंडियन फोरेन सर्विसेज करना है, जिस तरह आईएएस होता है। फिलहाल स्पर्श लॉ की छात्रा है। स्पर्श की खास बात यह है कि उसकी योग्यता को देखते हुए कलर्स चैनल पर चलने वाले धारावाहिक उतरन में इच्छा किरदार का लीड रोल मिला। फिर उसको यशराज फिल्म्स के बनेर तले रानी मुखर्जी के साथ हिंदी फिल्म हिचकी में मुख्य किरदार मिला। वह सीआईडी, क्राइम फाइल, फियर फाइल, डांस और रियलिटी शो में हिस्सा बन चुकी है। कई संस्थाओं ने उसे पुरस्कार से नवाजा है। अभी भी उसे ढेर सारे ऑफर आते हैं, परन्तु उसकी मां सरिता ने कहा कि जब स्पर्श शूटिंग करने में व्यस्त हो गई और 11 माह तक स्कूल नहीं जा पायी तो हम सब ने मिलकर निर्णय लिया की फिल्में और धारावाहिक तो बाद में भी कर सकते हैं।
प्रदूषण रोकने के लिए संघर्ष ने दिलाई पहचान
प्रदूषण के मामले में जब सरिता ने आवाज उठाई तो प्रशासन, पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। सूचना अधिकार के माध्यम से प्रदूषण विरोधी नियम और कानून के बारे में जानना चाहा तो वह भी प्राप्त नहीं हुआ। इससे सरिता का निश्चय तब दृढ़ हुआ जब एक मनपा आयुक्त ने अपने दफ्तर में महिलाओं के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए सुरक्षा अधिकारी बुलाकर उन्हें दफ्तर से बाहर निकलवा लिया। तब मेरे स्वाभिमान को चोट लगी और कोर्ट में प्रदूषण और पर्यावरण के मामले में याचिका दायर की। समय लगा लेकिन सकारात्मक परिणाम सामने आया। कोर्ट ने नियमों की अनदेखी करने वालों को फटकार लगाई। तब ठाणे पुलिस आयुक्त, परिमंडल चार के उपयुक्त, मनपा और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने कोर्ट के कहने पर अधिकृत रूप से माफी मांगी। सरिता का मकसद था कि अस्पतालों के पास पटाखे न जलाएं, इससे वृद्ध और बीमार लोगों को तकलीफ होती है। पक्षी मर जाते हैं। पर्यावरण दूषित होता है। पटाखे और डीजे के कारण परेशानी होती है।