न्यायालय में साक्ष्य के दौरान अभियोजन ने 11 अभियोजन साक्षियों का परीक्षण न्यायालय के समक्ष कराया। इससे मृतका के पति एवं परिवार वालों द्वारा मृतका पर चारित्रिक लांछन लगाना एवं शादी के बाद से ही लड़ाई झगड़ा व वाद विवाद करते रहना प्रमाणित हुआ।
चूंकि मृतका की शादी को सात वर्ष से अधिक हो चुका था, इसलिए न्यायालय में धारा 302 भादंवि का अपराध प्रमाणित पाते हुए सभी आरोपीगण को आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई गई। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक देवेन्द्र पाण्डेय ने की। उल्लेखनीय है कि प्रकरण का विचारण ठीक एक वर्ष में पूर्ण हुआ।