भोईन तालाब को संवारने 47 लाख खर्च होने के बाद नहीं पूरा हुआ काम
भोईन तालाब को संवारने 47 लाख खर्च होने के बाद नहीं पूरा हुआ काम
सरगांव. नगर पंचायत सरगांव को सौंदर्य पूर्ण बनाने 2010-2011 में भोईन तालाब को सरोवर धरोहर योजना में शामिल किया गया था। 3-4 साल तक काम न होने पर नगर पंचायत द्वारा 2014-15 में उक्त योजना को अमलीजामा पहनाने पुन: प्रस्ताव किया गया। इसके लिए शासन से 36 लाख रुपए मंजूर हुआ। उक्त राशि से मात्र पीचिंग का कार्य ठेकेदार के माध्यम से कराया गया। इसके बाद फिर पैसे का रोना रोकर पुन: उक्त कार्य हेतु शासन से राशि मांग की गई, जिस पर पुन: शासन द्वारा 11 लाख रुपए कार्य पूर्ण करने के लिए दिए गए। इसके बावजूद 4 साल में गार्डनिंग व लाइटिंग का कार्य नहीं हो पाया और न ही कुर्सी व बेंच लगायी जा सकी।
ज्ञात हो कि उक्त योजना में संबंधित तालाब के मेड़ (पार) को साफ सुथरा कर वृक्ष लगा कर हरियाली घास लगाने गाल का प्रावधान था, जिससे तालाब में घूमने आने वाले नागरिकों के बैठने हेतु कुर्सियां और बेंच लगाने थे। इसके साथ ही तालाब के चारों ओर लाइटिंग कर उसको सौंदर्य पूर्ण बनाना था। यही नहीं तालाब में 12 माह पानी भरा रहे, इसके लिए गहरीकरण भी करना था। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका। यह तो नगर पंचायत का सौभाग्य रहा कि नेशनल हाईवे फोर लाइन बनाने वाली कंपनी दिलीप बिल्डकॉन ने उक्त तालाब से लाखों रुपए की मुरुम मिट्टी निकाल कर तालाब का बड़े पैमाने पर गहरीकरण मुफ्त में कर दिया। उसके बावजूद 4 सालों में नगर पंचायत उक्त योजना का 36 से 47 लाख रुपया खर्च करने के बाद भी कार्य पूर्ण नहीं कर पाई। ऐसे में नागरिकों को उक्त योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। 36 लाख की योजना 47लाख खर्च होने के बावजूद पूर्ण नहीं हो पाई। इसमें तत्कालीन उपयंत्री ठेकेदार एवं अन्य अधिकारियों की मिलीभगत स्पष्ट नजर आ रही है। ठेकेदार का काम अधूरा होने के बावजूद पूरा पैसा दिया गया। जो जांच का विषय है।
तालाब में जा रहा वार्डों का गंदा पानी
अलबत्ता नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 9, 11 व 12 के नागरिकों के घरों का गंदा पानी नाली के माध्यम से उक्त तालाब में जा रहा है। यद्यपि भरी गर्मी में नगर की आधी आबादी स्नान करने सुबह व शाम भोईना तालाब में आती है। तालाब में गंदा पानी आने से लोग कभी भी खाज खुजली सहित अन्य बीमारी का शिकार हो सकते हंै। इसके अलावा मलयुक्त नाली का गंदा पानी आने से भरे तालाब के पानी की शुद्धता पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। नगर पंचायत द्वारा आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया और न ही उच्च स्तर के निगम अधिकारियों द्वारा सरोवर धरोहर योजना पर ध्यान देना मुनासिब समझा। वहीं पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष एवं पार्षदों जनप्रतिनिधियों एवं वर्तमान नगर अध्यक्ष व पदाधिकारियों साथ ही जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान न दिए जाने से नगर पंचायत की छवि धूमिल हो रही है। समय रहते गंदे पानी पर रोग एवं उक्त योजना को पूर्ण नहीं किया गया तो नागरिक जन आंदोलन करने बाध्य होंगे।