ग्रामीणों के अनुसार बताया जा रहा है कि सोमवार को बाइक क्रमांक सीजी 12 ए डब्लू 2606 में सवार होकर विनोद श्याम पिता हीरा सिंह (23) घाट पारा पाली, भानु प्रताप पिता चित्रा सिंह (22) सेमर कछार पाली, अनीता उर्फ गायत्री पिता धीरपाल (18) कालीमाटी पाली निवासी केंदा से घर पाली जा रहे थे। दोपहर 12 बजे के करीब वे बेलगहना चौकी अंतर्गत दार सागर मोड़ के पास पहुंचे ही थे कि बिलासपुर से पेंड्रा जा रही कार क्रमांक सीजी 10एफ ए 0963 के चालक ने तेज रफ्तार में चलते हुए बाइक सवारो को ठोकर मार दिया। इस घटना में बाइक पर सवार तीनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए । वहीं कार में बैठी मधु मीना निषाद पति कृष्ण कुमार निषाद (45) सिरगिट्टी वार्ड नंबर 8 बिलासपुर निवासी भी घायल हो गई। यह देख कार सवार अपने वाहन को वहीं पर छोड़ कर महिला समेत घटनास्थल से चला गया। इसकी सूचना ग्रामीणों ने 112 को दिया। तब रतनपुर से कर्मचारी पहुंचे, जिन्होंने तीनों बाइक सवारों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर में भर्ती कराया। यहां पर डाक्टरों ने उनकी गंभीर अवस्था को देखते हुए तुरंत बिलासपुर सिम्स के लिए रिफर कर दिया। परिजन उन्हें ले जाने के लिए 112 को फोन किया, लेकिन 3 घंटा बीत जाने के बाद भी 112 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर नहीं पहुंची। परिजनों ने घायलों को गंभीरता को देखते हुए रतनपुर से एक मैजिक किराए पर लिया और तीनों को बिलासपुर सिम्स में ले जाकर भर्ती कराया । यहां पर तीनों का उपचार जारी है। फिलहाल इस मामले में बेलगहना पुलिस और रतनपुर पुलिस इस सड़क हादसे को लेकर जांच में जुटी है ।
संजीवनी वाहन व्यवस्था की हालत जर्जर….
रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ विजय चंदेल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पिछले 20 दिनों से 108 रतनपुर में नहीं है । इसी तरह से कोनी और कोटा में भी यह सुविधा वर्तमान में नहीं है। इसके चलते ग्रामीण क्षेत्र के लोग काफी परेशान हैं। उन्हें इमरजेंसी सेवा का कोई लाभ नहीं मिल रहा है, जबकि बिलासपुर जिले के कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की 102 और 108 पिछले कई दिनों से जर्जर होकर पड़ी हुई है, जिसके मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।
शिकायतों को किया जा रहा नजरअंदाज …
आज हुए सड़क हादसे को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि 108 और 102 का कोटा विधानसभा क्षेत्र के लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है । प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही लोगों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है । इसके चलते सरकार को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है । उन्होंने कहा है कि उनके द्वारा लगातार क्षेत्र के अधिकारी कर्मचारियों से 108 और 102 की मांग की जा रही है । लेकिन इस मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं ।