10 वीं बोर्ड परीक्षा में मिले 70 प्रतिशत अंक, शाला प्राचार्य की भूल से पूरक हो गई छात्रा
ग्राम साल्हेघोरी के हाई स्कूल का मामला
10 वीं बोर्ड परीक्षा में मिले 70 प्रतिशत अंक, शाला प्राचार्य की भूल से पूरक हो गई छात्रा
लोरमी. कहते हंै गुरु माता-पिता से भी बड़ा होता है। मां बाप तो जन्म देते है, लेकिन गढऩे का काम गुरु करते हंै, लेकिन जब वही गुरु अपने छात्रों के साथ खिलवाड़ करें तो क्या होगा। जी हां ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। ग्राम साल्हेघोरी में स्थित शासकीय हाई स्कूल के प्राचार्य की लापरवाही से एक होनहार बच्ची का भविष्य खराब होता दिख रहा है। बच्ची ने कड़ी मेहनत कर बीते 10 वीं बोर्ड परीक्षा में 70 प्रतिशत अंक अर्जित किया है, लेकिन उसके बाद भी वह पूरक हो गयी है। कारण, प्राचार्य ने छात्रा को प्रायोगिक विषय में अंक दिया ही नहीं है। वह अब माध्यमिक शिक्षा मंडल की चक्कर काट रही है।
मिली जानकारी के अनुसार कक्षा 10 वीं में पढने वाली नंदिनी साहू पिता प्रहलाद साहू ने बीते 10 वीं की परीक्षा दी। अभी 10 मई बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट आया है, जिसमें उसको 70 प्रतिशत अंक मिला है, लेकिन इसके बाद भी वे पूरक हो गये हंै। कारण, प्राचार्य सिद्धराम भास्कर संस्कृत विषय में प्रायोगिक का अंक ही देना भूल गये। नतीजा आने के बाद जब छात्रा नंदिनी और उसके परिजनों को चला तो वे अवाक रह गये और इसकी जानकारी लेने के लिए सीधे स्कूल पहुंच गये, जहां पर पता चला कि प्राचार्य ने ऑनलाइन एन्ट्री में नंदिनी को प्रायोगिक में अंक देना ही भूल गये हंै। परिजनों ने इसकी शिकायत प्राचार्य के साथ-साथ संबधित अधिकारियों से करते हुये माध्यमिक शिक्षा मंडल जा रही है, लेकिन वहां पर भी उनको बार-बार परेशान किया जा रहा है। प्राचार्य की लापरवाही का दंश अब छात्रा खुद भुगत रही है। इधर प्राचार्य अपनी गलती को मानकर माध्यमिक शिक्षा मंडल के नाम पर पत्र व्यवहार कर रहे हैं, लेकिन अभी भी नंदिनी के चेहरे पर चिंता की लकीरे साफ दिख रही है। प्राचार्य ने छात्रहित में उक्त बच्ची को प्रायोगिक विषय में अंक देने की शिक्षा सचिव से गुहार लगायी है।