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मुंगेली

समय के साथ जरूरत को समझें, फिर बच्चों को बताएं

कार्यशाला: बच्चों के लालन-पालन एवं राष्ट्र निर्माण में पालकों की भूमिका पर आए विचार

मुंगेलीJul 31, 2019 / 12:31 pm

Murari Soni

Understand the need over time, then tell the children

समय के साथ जरूरत को समझें, फिर बच्चों को बताएं

मुंगेली. जेसीस पब्लिक स्कूल में बच्चों के लालन पालन एवं राष्ट्र निर्माण में पालकों की भूमिका विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें उत्साह के साथ लगभग 500 अभिभावकों ने अपनी उपस्थित दी।
मुख्य प्रवक्ता डॉ. किरण देवरस ने पालकों की भूमिका को एक उदाहरण के माध्यम से बताया कि जब आप घर बनाते हैं तो उसका विशेष ध्यान रखते हुए हर कोने-कोने को खूबसूरती के साथ सजाते हैं। यही भूमिका पालकों के बच्चों के लालन-पालन से राष्ट्र निर्माण होता है। बच्चा आपका निर्मित भविष्य है, उसे समय देकर उनकी भावनाओं व इच्छाओं को धैर्यपूर्वक सुनें व समझते हुए उनका सम्मान करें। उससे एक अच्छे दोस्त की तरह व्यवहार करें, फायदे-नुकसान की जानकारी से अवगत कराते हुए उसे जिम्मेदार बनाने में योगदान दें। अपने पूर्वज, धर्म व संस्कृति से भी बच्चों को अवगत करायें। ऐसा करने से अपेक्षित सार्थक परिणाम आयेंगे। डॉ. संजय अग्रवाल ने पालकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आज युवा पीढी अंधकार की ओर बढ़ रही है, जिसे रोकने के लिये पालकों को सजग होकर टीवी और मोबाइल के फायदे व नुकसान की जानकारी से बच्चों को अवगत कराएं, ताकि बच्चा उसके नुकसान दायक पहलू का उपयोग करना बंद कर दे और भटक रही युवा पीढ़ी का भविष्य सुधर सके। बच्चों को अपनापन देते हुए उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए उनके कार्यों को स्वीकार करते हुए घर परिवार की जिम्मेदारी दें, ताकि उनमें जिम्मेदारी का भाव उपजे और उनके व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आए और वे अच्छे नागरिक बनकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकंे। जेसीस समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष हिमांशु मिश्रा ने कहा कि वर्तमान समय में बच्चों में कुछ अवांछनीय आदतों आती जा रही हैं, जिसे बाल्यकाल में ही उन्हें पहचानकर यदि रोकथाम किया जाये तो निश्चित रूप से उनका जीवन सुरक्षित हो जायेगा।
कार्यशाला में बतलाया गया कि विश्व के 22 प्रतिशत युवा भारत में ही रहते हैं। इनके संस्कार, व्यवहार और शिक्षा में सार्थक परिवर्तन ही इन्हें विश्व गुरु के रूप में स्थापित कर विश्व युवा नेतृत्व हेतु मार्ग प्रशस्त करेगी। प्राचार्य सुनील पाण्डेय ने पालकों और शिक्षकों को विद्यार्थियों पर पैनी नजर रखते हुए उन्हें जिम्मेदारी देकर व्यवस्था सुझाव दिया। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों का तिलक लगाकर पुष्प देकर स्वागत करने के साथ ही शाल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन सोहिनी मुखर्जी व मोनी चक्रधारी तथा आभार प्रदर्शन शरद्चन्द्र साहू ने किया। इस मौके पर स्कूल प्रबंधन समिति के पदाधिकारी, सदस्य हिमांशु मिश्रा, किशोर चंदेल, अशोक गोलछा, महेश ठाकुर, शैलेन्द्र जायसवाल, कन्हैयालाल कोटडिय़ा व राजेश जायसवाल उपस्थित रहे।

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