ईपीएफ के नियमों में हुए ये बदलाव
ईपीएफ के नए नियमों के अनुसार अगर किसी की नौकरी 60 साल से पहले चली जाती है तो वो अब सिर्फ 75 फीसदी फंड ही निकाल सकेगा। आपको बता दें कि पहले के नियमों के मुताबिक epf धारक के पास 100 फीसदी फंड निकालने की छूट थी। इसी के साथ ईपीएफ के एक और नियम में बदलाव किया गया है। जिसके तहत अगर ईपीएफ के किसी सब्सक्राइबर को 1 महीने तक नौकरी नहीं मिलती है तो ईपीएफ की रकम निकाल सकता है। जबकि पहले के नियमों के अनुसार सब्सक्राइबर को 2 महीने तक इंतजार करना पड़ता था। ईपीएफओ ने ये नए नियम जारी कर दिए हैं। ईपीएफओ सभी कर्मचारियों के पीएफ फंड की देखभाल करता है।
इसलिए बदले नियम
श्रम मंत्रालय के मुताबिक ये फैसला इसलिए किया गया है क्योंकि कई लोग रिटायरमेंट से पहले ही पूरी रकम निकालने की अर्जी दे रहे थे। इसका असर उन पर और उनके परिवार पर भी पड़ रहा था।इसी को देखते हुए मंत्रालय ने ये कदम उठाया है। आपको बता दें कि अगर किसी कर्मचारी की सैलरी 15 हजार रुपए प्रति महीना से कम है तो वो बैसिक सैलरी का 12 फीसदी देता है। वहीं कंपनी इसमें 8.33 फीसदी कर्मचारी की पेंशन स्कीम और 3.67 फीसदी ईपीएफ में योगदान देती है। कंपनी 0.5 फीसदी डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम में भी डालती है। इस समय करीब 6 करोड़ से ज्यादा लोग ईपीएफ से जुड़े हुए हैं।