मिलेगी निवेश करने की आजादी
बता दें कि नेशनल पेंशन स्कीम के तहत सभी एक्टिव सब्सक्राइबर्स को चार में सी किसी भी स्कीम में अपने मनमुताबिक अनुपात में निवेश करने का मौका मिलेगा लेकिन उन्हें आेवरआॅल कैप का ध्यान रखना होगा। इस मामले से जुड़े एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक श्रम मंत्रालय ने र्इपीएफआे के इन्वेस्टमेंट पैटर्न को लेकर एक नर्इ पाॅलिसी ड्राफ्ट तैयार किया है। इस ड्राफ्ट के तहत सब्सक्राइबर्स को ये आजादी दी जा सकती है कि वो अपने मन मुताबकि जहां चाहें वहां निवेश कर सकते है। अधिकारी ने बताया कि, सब्सक्राइबर्स अपने रिटर्न पाने की चाह के मुातबिक रिस्क उठा सकते हैं। यदि वो चाहें तो अपने पूरी रकम को इक्विटी में निवेश कर सकते हैं। उनपर ये भी निर्भर करता है कि वो अपनी बचत का कुछ हिस्सा इक्विटी फंड या पूरा पैसा सरकारी सेक्योरिटीज बाॅन्ड्स में निवेश कर सकते हैं। हालांकि अभी इस ड्राफ्टी पर विशेषज्ञों का लिया जाना बाकी है। इसके बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
क्या है मौजूदा प्रावधान
यदि ये प्रस्ताव लागू कर दिया जाता है तो मुख्यतः इसकी दो फायदे देखने को मिल सकता है। पहला ये कि इससे सब्सक्राइबर्स को पहले से अधिक लचीलापन मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था के प्रोडक्टिव सेक्टर्स को लाॅन्ग टर्म रिसोर्सेज मिल सकेगा। माैजूदा समय में वित्त मंत्रालय इन्वेस्टमेंट पैटर्न नोटिफार्इ करती है। इसमें नाॅन गवर्नमेंट फंड्स, सुपरनुएशन फंड्स, आैर ग्रेच्युटी फंड्स के लिए निवेश सीमा तय की जाती है। इस पैटर्न को अप्रैल 2015 से लागू किया गया है। इसके मुताबिक पीएफ की रकम का 50 फीसदी हिस्सा गवर्नेमेंट सेक्योरिटीज में, 45 फीसदी हिस्सा डेट इन्सट्रमेंट्स में, 15 फीसदी तक इक्विटी फंड में आैर 5-5 फीसदी मनी मार्केट आैर इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट्स में निवेश किए जाने का प्रावधान है।