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#MeToo के आरोपियों का खर्च उठाएंगी बीमा कंपनियां, ये है छोटी सी शर्त

हाल ही में #MeToo अभियान के तहत कई बड़ी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों पर भी यौन शोषण के आरोप लगे हैं।

नई दिल्लीOct 19, 2018 / 03:13 pm

Manoj Kumar

#MeToo

#MeToo के आरोपियों का खर्च उठाएंगी बीमा कंपनियां, ये है छोटी सी शर्त

नई दिल्ली। देश में इस समय MeToo अभियान जोरों से चल रहा है। इस अभियान के तहत एक के बाद एक यौन उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे हैं। इस अभियान के तहत आरोप लगने के बाद हाल ही में विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है। MeToo अभियान के तहत बड़ी-बड़ी कंपनियों के अधिकारियों पर आरोप लगने के बाद अब छोटी कंपनियां भी परेशान होने लगी हैं। इससे बचने के लिए घरेलू कंपनियों ने एंप्लॉयमेंट प्रैक्टिसेज लाइबिलिटी कवर की जरूरत महसूस करने लगी हैं।
क्या है एंप्लॉयमेंट प्रैक्टिसेज लाइबिलिटी कवर

एंप्लॉयमेंट प्रैक्टिसेज लाइबिलिटी कवर के तहत बीमा कंपनियां कर्मचारियों की ओर से किए जाने वाले मुकदमों में कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए कंपनियों को आर्थिक मदद करती हैं। इसमें लिंग, जाति, उम्र, अपंगता के आधार पर भेद या गलत तरीके से नौकरी से निकालने और प्रमोशन नहीं मिलने पर किए जाने वाले मुकदमे शामिल हैं।
इसलिए बढ़ी मांग

एक मीडिया रिपोर्ट में एक बड़ी बीमा कंपनी के हवाले से कहा गया है कि अभी तक कई कंपनियां डायरेक्टर और अन्य शीर्ष अधिकारियों के लिए कवर नहीं लेती थीं। लेकिन हाल ही में कई कंपनियों के शीर्ष स्तर के अधिकारियों के भी MeToo में फंसने के बाद कंपनियां इस कवर की ओर रूख कर रही हैं। बीमा कंपनी के अधिकारी के अनुसार, इस कवर के तहत शेयरधारकों, ग्राहकों या कर्मचारियों की ओर से मुकदमा कराने की स्थति में बीमा कंपनी कानूनी खर्च उठाएगी। हालांकि, इस कवर के तहत यदि अपराध साबित हो गया तो बीमा कंपनियां सारी रकम वापस ले लेंगी।

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