एफडी बाजार के उतार-चढ़ाव से मुक्त रहता है। यानी बाजार में किसी भी तरह की हलचल हो उसका एफडी के रिटर्न पर कोई असर नहीं होता है। इसलिए इसे निवेशकों के लिए निवेश का एक सुरक्षित ऑप्शन मानते हैं। दूसरी अहम बात यह है कि एफडी पर ब्याज पहले से ही तय होता है। यानी निवेशक को यह मालूम होता है कि एक निश्चित इंटरवल पर उसे कितनी निश्चित इनकम होगी।
एफडी पर ब्याज की राशि
आज के समय में देश के सभी बैंक एफडी की सुविधा उपलब्ध कराते हैं और सभी बैंक एफडी पर अलग-अलग दर से ब्याज देते हैं। आइए आपको बताते हैं कि पीएनबी हाउसिंग से सीनियर सिटीजन को एफडी लेने पर आपको कितना ब्याज मिलेगा-
समय | ब्याज दर (फीसदी में) | सीनियर सिटीजन(फीसदी में ) |
271 दिन से एक साल के बीच | 6 | 6.50 |
1 साल के लिए | 6.40 | 6.90 |
1 से 2 साल के बीच | 6.30 | 6.80 |
2 से 5 साल के बीच | 6.25 | 6.75 |
5 से 10 साल के बीच | 6.30 | 6.80 |
1. रिस्क फैक्टर कम होता है – किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में एफडी कराने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसमें किसी तरह का रिस्क नहीं रहता।
2. सीनियर सिटीजन को मिलता है अच्छा ब्याज – आपको बता दें कि पीएनबी हाउसिंग की एफडी पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर सामान्य से ज्यादा होती है। हमारे देश के सीनियर सिटीजन के लिए पीएनबी ने 0.25 फीसदी ज्यादा ब्याज देने का प्रावधान किया है। यानी अगर आप सीनियर सिटीजन हैं तो आपको ज्यादा ब्याज मिलेगा।
3. मिलती है नॉमिनेशन की सुविधा – पीएनबी हाउसिंग की एफडी पर आपको नॉमिनेशन की सुविधा भी उपलब्ध है। इसलिए अगर आप एफडी करा रहे हैं तो आपको नॉमिनी का नाम स्पष्ट रूप से देना चाहिए।
4. इतने समय के लिए खोल सकते हैं एफडी – देश के सभी बैंक यह पहले से ही तय कर देते हैं कि कितने समय के लिए उनका एफडी खाता खोला जाएगा, लेकिन आप अमूमन कम से कम 7 दिन और अधिकतम 10 साल के लिए एफडी में निवेश कर सकता है। अपनी जरूरत के अनुसार एफडी की अवधि चुनी जा सकती है।
5. मैच्योरिटी से पहले निकासी – इसके साथ ही आप एफडी में मैच्योरिटी से पहले निकासी कर सकते हैं। एफडी का यह ऑप्शन इसको एसआईपी से खास बनाता है क्योंकि आप इस पैसे को इमरजेंसी में भी यूज कर सकते हैं। हालांकि, एफडी को मैच्योरिटी से पहले निकालने पर बैंक पेनाल्टी लगा सकते हैं। यह पेनाल्टी अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग है।
6. टैक्स में छूट– अगर आपने एफडी करा रखी होगी तो सरकार की ओर से आपको टैक्स में फायदा मिलेगा। आयकर कानून में एक नया सेक्शन 80टीटीबी जुड़ा है। इसके तहत बैंक, कोआपरेटिव बैंक या पोस्ट आफिस में 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर टैक्स से छूट मिलती है।
7. एफडी पर लोन – इसके साथ ही एफडी लेने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इस पर लोन भी ले सकते हैं। वहीं आप एसआईपी पर आपको लोन की सुविधा नहीं मिलती है। अधिकतम लोन अमूमन मूल डिपॉजिट का कोई तय परसेंटेज होता है। यह परसेंटेज बैंकों में अलग-अलग हो सकता है।
8. मिलती है ऑटो रिन्यूअल की सुविधा – इसके साथ ही आपको एफडी पर ऑटो रिन्यूअल की खास सुविधा भी मिलती है। बैंक इन दिनों मैच्योरिटी पर ऑटो रिन्यूअल की सुविधा देते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर खाता खोलते वक्त अगर बैंक को कोर्इ निर्देश नहीं दिए जाते हैं तो वह मैच्योरिटी की तारीख पर एफडी को अपने आप रिन्यू कर देता है।
आपको बता दें कि एफडी की समय अवधि समाप्त होने के बाद निवेशक को पूरी राशि ब्याज सहित वापस मिल जाती है। बैंकों की एफडी की दर समय दर समय बदलती रहती है। आमतौर पर सभी बैंक एफडी पर 6-9 फीसदी तक निश्चित रिटर्न देते हैं। इसके अलावा कई बार ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बैंक एफडी से ऊंची दर पर ब्याज ऑफर कर देते हैं।